भावनगर। गुजरात में नकली पर लगाम लगाना मुश्किल होता जा रहा है। तेल, घी, पनीर, सरकारी ऑफिस, टोल टैक्स के बाद अब नकली साबुन बनाने की फैक्ट्री सामने आई है। भावनगर में मंजूरी के बगैर अलग-अलग कॉस्मेटिक साबुन बनाने वाली फैक्ट्री पकड़ी गई है। यहां से संदिग्ध सौंदर्य प्रसाधनों के 4 नमूने लेकर परीक्षण के लिए भेजे गए हैं और लगभग 60 हजार मूल्य के सौंदर्य प्रसाधन जब्त किए गए हैं। यह भी पता चला है कि अमेजन के जरिए अब तक अलग-अलग ब्रांड के करीब 3.50 लाख रुपए के 1800 साबुन बेचे जा चुके हैं।
खाद्य एवं औषधि नियामक आयोग के आयुक्त कोशिया ने बताया कि बिना किसी लाइसेंस के सौंदर्य प्रसाधनों के भ्रामक और भ्रमित करने वाले विज्ञापन देकर लोगों में अंधविश्वास फैलाने का काम करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। गांधीनगर के वाईजी. दर्जी डिप्टी कमिश्नर (आईबी) के मार्गदर्शन में गांधीनगर और भावनगर की ड्रग टीम द्वारा शहर की मेघदूत सोसाइटी, प्लॉट नंबर 81 की दूसरी मंजिल पर रहने वाली नीलोफरबेन सद्दीकभाई खदरानी के मकान में छापेमारी की गई। इस दौरान साबुन बनाने की नकली फैक्ट्री पकड़ी गई। छापेमारी के दौरान घरेलू सामान जैसे इंडक्शन गैस, पैन, चम्मच, कच्चा माल, अलग-अलग फ्लेवर, अलग-अलग सांचे के फ्लेवर, फ्रीज, आयुर्वेदिक मिक्स पाउडर, 120 किलो कच्चा माल, प्रबल ब्रांड के पीतल के सिक्के और मुद्रित कार्टन आदि पाए गए। अधिकारियों ने अलग-अलग ब्रांड के 1800 साबुन जब्त कर लिए हैं। इसकी कीमत साढे तीन लाख रुपए है। जांच के दौरान वेबसाइट पर ऑनलाइन अमेजन पर नकली बेचने का भी खुलासा हुआ है। अधिकारियों ने साबुन के नमूने लेकर जांच करने के लिए वडोदरा की लेबोरेटरी में भेज दिया है।