ढाका। बांग्लादेश में आरक्षण के विरोध में छात्रों का आंदोलन हिंसक हो गया है। यहां चल रहे दंगे ने हिंसक रूप ले लिया है। जेल में पथराव, फायरिंग, आंसू गैस के गोले छोड़ने की घटनाओं के बाद अब आगजनी की घटना हुई है। खबरों के अनुसार प्रदर्शनकारी छात्रों ने नरसिंगडी जिले में एक जेल की इमारत में आग लगा दी और सैकड़ों कैदियों को छुड़ा ले गए।
पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने जेल में आग लगा दी और कैदी जेल से भाग गए। हम जेल से भागने वाले कैदियों की संख्या नहीं जानते, हालांकि सैकड़ों के भागने की आशंका है। एक सरकारी अधिकारी ने कैदियों के जेल से भागने की खबरों की पुष्टि की है, हालांकि उन्होंने अधिक जानकारी नहीं दी है।
ढाका, चटगांव, रंगपुर और कोमिला समेत बांग्लादेश के कई शहरों में लाठियों और पत्थरों से लैस हजारों छात्रों की सशस्त्र पुलिस के साथ हिंसक झड़प हुई। छात्रों के विरोध प्रदर्शन, उसके बाद आगजनी और पथराव के कारण ढाका सहित देश के कई प्रमुख शहरों में जनजीवन ठप हो गया है। जिससे लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार आठ जिलों में छात्र विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने सड़कों और रेल लाइनों को अवरुद्ध कर दिया है। व्यवधान के कारण ढाका, मैमनसिंह, खुलना और चटगांव में रेल सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं।
इस बीच ढाका पुलिस ने हिंसक विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए सभी सार्वजनिक कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगा दिया है। पुलिस प्रमुख हबीबुर रहमान ने कहा कि हमने आज ढाका में सभी रैलियों और सार्वजनिक समारोहों पर प्रतिबंध लगा दिया है। जनता की सुरक्षा के लिए यह फैसला लेना जरूरी था।
वहीं प्रदर्शनकारियों ने कहा कि हमारा विरोध जारी रहेगा। वे बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शन के दौरान हुई हत्याओं के लिए सरकार जिम्मेदार है। हिंसा की घटनाओं में अब तक कुल 64 लोगों की मौत की खबर है।
आरक्षण के विरोध में सुलग रहा है बांग्लादेश, अब तक 64 की मौत, उपद्रवी जेल में आग लगाकर कैदियों को छुड़ा ले गए
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