सूरत। मुंबई में केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह की मौजूदगी में टेक्सटाइल एडवाइजरी ग्रुप एमएमएफ की बैठक हुई। बैठक में शामिल सूरत के उद्योगपतियों ने विस्कोस फिलामेंट यार्न पर एंटी डंपिंग ड्यूटी और क्यूसीओ नहीं लगाने की मांग की। इसके साथ ही एटफ योजना को दोबारा शुरू करके फंड देने की सिफारिश की। चैंबर ऑफ कॉसर्म के अध्यक्ष निखिल मद्रासी समेत उद्योगपतियों ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि सूरत की वीविंग इंडस्ट्रीज में अब तक 40 हजार करोड़ का निवेश हुआ है। साल 2000 में जब टफ योजना अमल में लाई गई तब केवल 10 हजार हाईस्पीड वीविंग मशीनें थीं। आज सूरत की वीविंग इंडस्ट्रीज में 1लाख, 25 हजार हाईस्पीड मशीनें कार्यरत हैं। यही गति बरकरार रही तो आने वाले 7 सालों में 40 हजार करोड़ के निवेश होने की उम्मीद है।
बता दें, सूरत में रोजाना 6 करोड़ कपड़ा बुनकर तैयार किया जाता है। सूरत की टेक्सटाइल इंडस्ट्री 18 लाख लोगों को रोजगार दे रही है।
फिआस्वी के चेयरमैन भरत गांधी ने एटफ, टफ, एम-टफ, आर-अफ और आरआर-टफ योजना के अंतर्गत लंबित सब्सिडी को रिलीज करने की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि सब्सिडी के क्लेम करने की प्रक्रिया काफी जटिल है, इसे और सरल बनाया जाए।