लखनऊ। हाथरस हादसे में बड़ी कार्रवाई हुई है। एसआईटी ने 300 पन्नाें की अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। इसके बाद एसडीएम, सीओ और तहसीलदार समेत 6 अधिकारी सस्पेंड कर दिए गए हैं। 2 जुलाई को सिकंदराराऊ में भोले बाबा के सत्संग के दौरान भगदड़ मचने से 121 लोगों की मौत हो गई थी। घटनास्थल पर पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद अब कार्रवाई शुरू हो गई है। एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि हाथरस हादसा लापरवाही के कारण हुआ है। रिपोर्ट में भोले बाबा उर्फ सूरज पाल का उल्लेख नहीं किया गया है। रिपोर्ट में 119 लोगों के बयान भी दर्ज किए गए हैं। प्रशासन और आयोजक को हादसे का जिम्मेदार बताया गया है। एसआईटी की रिपोर्ट में दक्षिण के राज्यों के चार अलग-अलग नंबरों का भी जिक्र है। ये घटना से पहले और बाद के हैं। नंबर संदिग्ध हैं, इसे घटनाक्रम से जोड़कर देखा गया है। एसआईटी ने जांच के दौरान उत्तर प्रदेश के कई उच्चाधिकारियों से भी पूछताछ की है, जिसमें हाथरस के डीएम आशीष कुमार और एसपी निपुण अग्रवाल भी हैं।
एसआईटी की टीम में एडीजी आगरा जोन अनुपम कुलश्रेष्ठ और अलीगढ़ की कमिश्नर चैत्रा वी शामिल थीं। एसआईटी ने कहा है कि मामले में गहन जांच की जरूरत है। इसके अलावा आयोजकों ने 80,000 लोगों की अनुमति मांगी थी, जबकि सत्संग में 2 लाख से अधिक लोग आए थे। एसआईटी की रिपोर्ट में पीड़ित परिवारों के बयान भी दर्ज हैं।
उधर, भगदड़ को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर करके सुनवाई करने की मांग की गई थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है।