सूरत। भारत में निर्मित हल्की टैंक जोरावर की टेस्टिंग शुरू कर दी गई है। डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट आर्गेनाइजेशन (डीआरडीओर) और एल एंड टी द्वारा बनाई गई इस टैंक का वजन 25 टन है। इसे लद्दाख में ऊंचाई वाले क्षेत्रों पर तैनात करने की योजना है। दो साल के कम समय में इसे विकसित किया गया है। जोरावर टैंक का ट्रायल हजीरा में किया गया। ऐसा पहली बार है कि जब नए टैंक को इतने कम समय में डिजाइन और ट्रायल के लिए तैयार किया गया है। इसे मुख्य रूप से चीन के साथ लगी सीमा पर तैनात करने के लिए डिजाइन किया गया है। भारतीय सेना 350 से अधिक हल्के टैंकों की तैनाती पर विचार कर रही है। अधिकतर टैंकों को पहाड़ी सीमा पर तैनात किया जाएगा।
डीआरडीओ प्रमुख डॉ. समीर वी कामथ ने शनिवार को एल एंड टी के हजीरा प्लांट का निरीक्षण किया और काम का जायजा लिया।
भारतीय सेना लंबे समय से हथियारों के लिए विदेशी तकनीक पर ही निर्भर थी। हालांकि, आत्मनिर्भर भारत के तहत देश में हथियार बनाने की पहल को जोर दिया जा रहा है। रूस और यूक्रेन संघर्ष से सबक सीखते हुए डीआरडीओ और एलएंडटी ने टैंक में घूमने वाले हथियारों के लिए यूएसवी का उपयोग किया है। शुरुआत में सेना को 59 टैंक दिए जाएंगे। इसके बाद सेना को कुल 295 टैंक उपलब्ध कराने की योजना है।