नई दिल्ली। लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी रविवार को नए सेनाध्यक्ष का पदभार संभालेंगे। वह जनरल मनोज पांडे के 26 महीने का कार्यकाल खत्म होने पर उनकी जगह लेंगे। लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी 30वें सेनाध्यक्ष बने हैं। भारतीय सेना के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है जब दो सहपाठी सेना की कमान संभालने जा रहे हैं। लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी रविवार को थलसेना प्रमुख के रूप में कार्यभार संभालेंगे, जबकि एडमिरल दिनेश त्रिपाठी 30 अप्रैल से ही नौसेना प्रमुख हैं। दिलचस्प बात यह है कि लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी और एडमिशन दिनेश त्रिपाठी ने मध्य प्रदेश के रीवा में स्थित सैनिक स्कूल में एक साथ पढ़ाई की है। 1970 के दशक में पांचवीं कक्षा तक दोनों एक साथ स्कूल में रहे। दोनों के रोल नंबर भी आसपास ही थे, लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी का रोल नंबर 931 और एडमिरल दिनेश त्रिपाठी का 938 था।
लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ऐसे समय में थलसेना प्रमुख का पदभार संभाल रहे हैं जब सेना संरचनात्मक सुधारों के साथ आधुनिकीकरण के दौर से गुजर रही है। लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी का उत्तरी सेना के कमांडर के रूप में लंबा कार्यकाल रहा है। उनके पास चीन और पाकिस्तान से लगती सीमाओं पर ऑपरेशंस का व्यापक अनुभव है।
लेफ्टिनेंट जनरल एनएस राजा सुब्रमणि रविवार को थलसेना के उपप्रमुख की जिम्मेदारी संभालेंगे। वह लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी का स्थान लेंगे। लेफ्टिनेंट जनरल सुब्रमणि राष्ट्रीय रक्षा अकादमी खड़कवासला और भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून के पूर्व छात्र रहे हैं। वह वर्ष 1985 में गढ़वाल राइफल्स में शामिल हुए थे।