नई दिल्ली। तीसरी बाद प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद पीएम मोदी का रेडियाे कार्यक्रम “मन की बात’ रविवार को फिर से शुरू हो गया। पीएम ने मन की बात के 111वे संस्करण में कहा कि जिसका हम फरवरी से इंतजार कर रहे थे, वह दिन आ गया है। मैं एक बार फिर आपके बीच अाया हूं। पीएम ने कहा कि एक बड़ी प्यारी की उक्ति है- इति विदा पुनर्मिलनाय। इसका अर्थ है- मैं विदा लेता हूं फिर से मिलने के लिए। मैंने फरवरी में कहा था कि चुनाव नतीजों के बाद फिर मिलूंगा और आज मन की बात के साथ फिर से आप के बीच हाजिर हुआ हूं।
पीएम ने कहा कि मन की बात कार्यक्रम भले ही कुछ महीने बंद रहा, पर देश में समाज, हर दिन अच्छे काम होते रहे। पीएम मोदी ने चुनाव का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मैं आज देशवासियों को धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने हमारे संविधान और देश की लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं पर अपना अटूट विश्वास दोहराया है। पीएम मोदी ने “हूल दिवस’ को याद करते हुए कहा कि आज 30 जून का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण है। हमारे आदिवासी इसे हूल दिवस के रूप में मनाते हैं। यह दिन वीर सिद्धो-कान्हू के साहस से जुड़ा हुआ है। उन्होंने विदेशी शासकों का पुरजोर विरोध किया था।
पीएम मोदी ने “एक पेड़ मां के नाम’ का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि हम मां को कुछ दे तो सकते हैं, लेकिन कुछ कर सकते हैं। इसी सोच में इस साल विश्व पर्यावरण दिवस पर एक विशेष अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान का नाम है- एक पेड़ मां के नाम। मैंने भी अपनी मां के नाम से एक पेड़ लगाया है। मैं देशवासियों और दुनिया के सभी लोगों से अपील करता हूं कि एक पेड़ जरूर लगाएं। पीएम मोदी ने पेरिस ओलंपिक की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि अगले महीने इस समय तक पेरिस में ओलंपिक शुरू हो चुके होंगे। मुझे विश्वास है कि आप भी इसका इंतजार कर रहे होंगे। मैं भारतीय दल को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।