बारबाडोस। टी 20 वर्ल्ड कप के फाइनल में भारत ने दक्षिण अफ्रीका को 7 रन से हराकर खिताब अपने नाम कर लिया। भारत ने 2007 में टी20 का पहला विश्वकप जीता था। एक समय ऐसा लग रहा था कि मैच भारत के हाथ से निकल चुका है, लेकिन भारतीय गेंदबाजों ने हारा हुआ मैच जीत लिया। हार्दिक पंड्या और बुमराह के ओवरों का काफी अहम योगदान रहा। खासकर सूर्यकुमार यादव द्वारा लिया गया खास कैच हमेशा याद रखा जाएगा।
टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने 20 ओवर में सात विकेट गंवाकर 176 रन बनाए थे। जवाब में दक्षिण अफ्रीका की टीम 20 ओवर में आठ विकेट पर 169 रन ही बना सकी। 17वें ओवर में भारत ने मैच पलट दिया। 16 ओवर तक दक्षिण अफ्रीका ने चार विकेट पर 151 रन बना लिए थे। तब मिलर और क्लासेन क्रीज पर थे। आखिरी 24 गेंद में दक्षिण अफ्रीका को 26 रन चाहिए थे। इसके बाद 17वें ओवर में हार्दिक ने क्लासेन को आउट किया और मात्र चार रन दिए। 18वें ओवर में बुमराह ने यानसेन को आउट किया और दो रन दिए। 19वें ओवर में अर्शदीप ने चार रन दिए। आखिरी ओवर में दक्षिण अफ्रीका को 16 रन चाहिए थे। हार्दिक ने पहली ही गेंद पर मिलर को आउट किया। दूसरी गेंद पर रबाडा ने चार रन बटोरे। तीसरी गेंद पर रबाडा ने एक रन लिया। चौथी गेंद पर महाराज ने एक रन लिया। इसकी अगली गेंद वाइड रही। पांचवीं गेंद पर हार्दिक ने रबाडा को आउट किया। आखिरी गेंद पर एक रन आया और भारत ने सात रन से जीत हासिल की।
शुरूआती झटकों से उबरते हुए विराट कोहली और अक्षर पटेल ने भारत को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी20 विश्व कप के फाइनल में सात विकेट पर 176 रन तक पहुंचाया। भारत ने एक समय पांचवें ओवर में तीन विकेट सिर्फ 34 रन पर गंवा दिये थे । इसके बाद अक्षर (31 गेंद में 47 रन ) और कोहली (59 गेंद में 76 रन ) ने टीम को संकट से निकाला । दोनों ने चौथे विकेट के लिये 54 गेंद में 72 रन की साझेदारी की ।
टी20 वर्ल्ड कप जीतने के बाद विराट कोहली ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया। वहीं हार्दिक पंडया भी अपनी आंसुओं पर काबू नहीं रख पाए। कप्तान रोहित शर्मा की आंखों में भी आंसू आ गए।