नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने संसद के दोनों सदनों को संयुक्त रूप से संबोधित करते हुए मोदी सरकार के विजन को सामने रखा। राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में आपातकाल समेत कई मुद्दों को सामने रखा।
राष्ट्रपति ने आपातकाल पर करारा हमला बोलते हुए कहा कि आने वाले कुछ महीनों में भारत एक गणतंत्र के रूप में 75 वर्ष पूरे करने जा रहा है। भारतीय संविधान ने बीते दशकों में हर चुनौती और कसौटी पर खरा उतरा है। देश में संविधान लागू होने के बाद भी संविधान पर कई हमले हुए हैं। 25 जून 1975 को लागू किया गया आपातकाल संविधान पर सीधा हमला था। जब इसे लगाया गया तो पूरे देश में हाहाकार मच गया था, लेकिन देश ने ऐसी संवैधानिक ताकतों पर विजय प्राप्त की है। मेरी सरकार भी भारतीय संविधान को सिर्फ शासन का माध्यम नहीं बना सकती। हम अपने संविधान को जनचेतना का हिस्सा बनाने का प्रयास कर रहे हैं। इसी के साथ मेरी सरकार ने 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है। हमारे जम्मू-कश्मीर में संविधान पूरी तरह लागू किया गया है, जहां अनुच्छेद 370 के कारण स्थिति अलग थी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि 18वीं लोकसभा कई मायनों में ऐतिहासिक है। सरकार अपने कार्यकाल का पहला बजट पेश करने जा रही है। बड़े आर्थिक और सामाजिक फैसलों के साथ इस बजट में कई ऐतिहासिक कदम भी देखने को मिलेंगे।
राष्ट्रपति ने कहा कि मैं 18वीं लोक सभा के सभी नव निर्वाचित सदस्यों को बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं देती हूं। आप सभी यहां देश के मतदाताओं का विश्वास जीतकर आए हैं। देशसेवा और जनसेवा का ये सौभाग्य बहुत कम लोगों को मिलता है। मुझे पूरा विश्वास है कि आप राष्ट्र प्रथम की भावना के साथ अपना दायित्व निभाएंगे।140 करोड़ देशवासियों की आकांक्षाओं की पूर्ति का माध्यम बनेंगे।
राष्ट्रपति ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव की चर्चा आज पूरी दुनिया में है। दुनिया देख रही है कि भारत के लोगों ने लगातार तीसरी बार स्थिर और स्पष्ट बहुमत की सरकार बनाई है। छह दशक बाद ऐसा हुआ है। ऐसे समय में जब भारत के लोगों की आकांक्षाएं सर्वोच्च स्तर पर हैं, लोगों ने मेरी सरकार पर लगातार तीसरी बार भरोसा जताया है।
राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार का प्रयास रहा है कि देश के युवकों को अपनी प्रतिभा निखारने का पर्याप्त अवसर मिले। नीट-यूजीसी की गड़बड़ी पर बोलते हुए कहा कि सरकार पेपर लीक की घटनाओं की निष्पक्ष जांच के साथ-साथ दोषियों को कड़ी सजा दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए दलगत राजनीति से ऊपर उठकर देशव्यापी ठोस समाधान की जरूरत है।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत इस इच्छाशक्ति के साथ काम कर रहा है कि एक भी व्यक्ति सरकारी योजनाओं से वंचित न रह जाए। सरकारी योजनाओं की वजह से ही पिछले 10 वर्षों में 25 करोड़ भारतीय गरीबी से बाहर आए हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि विकिसत भारत का निर्माण तभी संभव है जब देश के गरीब, युवक, महिलाएं और किसान सशक्त होंगे। मोदी सरकार ने उन्हें सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है।
राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार एक और फैसला लेने जा रही है, जिसमें 70 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों को आयुष्मान भारत योजना के तहत मुफ्त लाभ मिलेगा। पिछले 10 सालों में जो सुधार हुए है, उसका फायदा पूरे देश को मिल रहा है।