सूरत। डिमांड कम होने के कारण वीवर्स ने ग्रे उत्पादन में 80% की कटाैती की है। कई कारखाने रात में पूरी तरह से बंद हैं और एक ही पाली में काम चल रहा है। टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन योजना के अंतर्गत करोड़ों की अत्याधुनिक मशीनों लगाने वाले रेपियर जेकाड वीवर्स की हालत इन दिनों ज्यादा खराब है। वीवर्स अग्रणी महेन्द्र रामोलिया ने बताया कि डिमांड कम होने की वजह से अधिकांश वीवर्स ने एक पाली में काम बंद कर दिया है। रेपियर जेकार्ड में कमजोर मांग के कारण उत्पादन में कटौती की जा रही है। ग्रे की खरीदारी नदारद है। इस महीने फेब्रिक्स के भाव में 30 से 40 फीसदी की कमी आई है। जनवरी के बाद लगातार मांग घट रही है। महेन्द्र रामोलिया ने बताया कि अप्रैल से जून तक खरीदारी कम होती है। इन दिनों अधिकांश कारीगर अपने गांव चले जाते हैं। लूम्स कारखानों में क्षमता का 20 प्रतिशत ही उत्पादन हो रहा है। वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में सुस्त कारोबार होता है। जुलाई में त्योहारी कारोबार शुरू होने की उम्मीद है।