नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 370 पर अपने फैसले की समीक्षा की मांग वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया है। सर्वोच्च अदालत ने संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र सरकार के 2019 के फैसले को बरकरार रखा। अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा मिला हुआ था। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजीव खन्ना, बीआर गवई, सूर्यकांत और एएस बोपन्ना की पांच न्यायाधीशों की पीठ ने समीक्षा याचिकाओं को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि 11 दिसंबर 2023 को दिए गए फैसले में कोई गलती नहीं है।
बता दें, संविधान में जम्मू-कश्मीर से जुड़े अनुच्छेद 370 को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया था। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में केंद्र सरकार के फैसले को बरकरार रखा और संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाना उचित माना। इससे पहले केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से संबंधित संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया था। इस फैसले के खिलाफ 23 याचिकाएं दायर की गईं थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने 16 दिनों तक सुनवाई की और 5 सितंबर 2023 को सुनवाई पूरी कर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। केंद्र सरकार की ओर से गृह मंत्री अमित शाह ने 5 अगस्त 2019 को राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम विधेयक पेश किया था। जिसमें जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया गया था। उसी दिन इसे राज्यसभा में पारित कर दिया गया था। यह बिल 6 अगस्त 2019 को लोकसभा में पास हुआ था। 9 अगस्त 2019 को इसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिली थी, जिसके बाद जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा वापस ले लिया गया।