ताइपे। ताइवान के नवनियुक्त राष्ट्रपति लाइ चिंग ने पद ग्रहण करने के बाद पहली बार चीन पर बयान देते हुए कि ताइवान एक स्वशासित द्वीप है, इसलिए चीन से कोई खतरा नहीं होना चाहिए। लाइ ने इसी साल की शुरुआत में चुनाव जीतकर विजेता बने हैं। उन्होंने हाल ही में एक समारोह में पद की शपथ ली है। उदारवादी नेता ने घोषणा की है कि वह चीन के साथ वास्तविक स्थिति बनाए रखेंगे।
चीन-ताइवान के संबंधों को लेकर स्पष्ट किया गया कि ताइवान सरकार कभी झुकेगी नहीं और कोई उकसावे की कार्रवाई नहीं करेगी। हम यथास्थिति में कोई बदलाव भी नहीं चाहते हैं। ताइवान चीन से स्वतंत्र देश के रूप में अपने अस्तित्व को बनाए रखने का इच्छुक है। चीन लंबे समय से ताइवान को अपना हिस्सा मानते हुए सार्वभाैमत्व खत्म करने की फिराक में है। ऐसे समय में ताइवान सरकार की घोषणा काफी महत्वपूर्ण है। लाई चिंग ने ताइवान की बेहद लोकप्रिय तेजतर्रार राष्ट्रपति त्साई इंग के स्थान पर राष्ट्रपति का पद संभाला है।
त्साई इंग का कार्यकाल भारी उतार-चढ़ाव भरा रहा है। चीन की धमकियों के बीच नागरिकों के मनोबल को कम नहीं होने दिया। कोरोना महामारी और आर्थिक संकट के बीच आर्थिक और सामाजिक विकास को बनाए रखा। त्साई इंग ने दो टर्म तक ताइवान का नेतृत्व किया। नए राष्ट्रपति लाई चिंग को चीन भी अलगाववादी मानता है।
ताइवान के नए राष्ट्रपति का बयान- हम चीन के आगे झुकेंगे नहीं और उकसाएगें भी नहीं
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