सूरत। सरकार वर्ष 2025 में टीबी जैसी बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए अभियान चला रही है। वहीं, सूरत समेत गुजरात में टीबी की सबसे महत्वपूर्ण दवा की भारी कमी है। दवा की कमी से अकेले सूरत में 6000 से ज्यादा मरीज परेशान हैं। एक आंकड़े अनुसार देश में टीबी के 25 लाख मरीज हैं। गुजरात में 1 लाख, 20 हजार और सूरत में 6000 मरीज हैं। टीबी के मरीजों को एकेटी दवा दी जाती है। सूरत में सिविल अस्पताल, स्मीमेर समेत 80 सेंटरों पर इस दवा का वितरण होता है। पिछले दो माह से सूरत समेत गुजरात में दवा की भारी कमी है। इससे टीबी के मरीज और उनके परिजन परेशान हैं। पहले टीबी के मरीजों को यह दवा एक महीने की दी जाती थी, अब स्थिति यह है कि मरीजों को दो-तीन दिन की ही दवा मिल रही है। मरीजों और उनके परिजनों को दवा के लिए बार-बार चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।
सूरत के टीबी अधिकारी ने बताया कि दवा का पर्याप्त स्टॉक नहीं है। मरीजों को जरूरत के हिसाब से दवा दी जा रही है। आगामी दिनों में दवा का पर्याप्त स्टाॅक आ जाएगा।