अहमदाबाद। गुजरात हाईकोर्ट ने गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (जीपीसीबी) और अमरेली के जिला प्राधिकरण को नोटिस जारी करके समुद्र के किनारे क्रिकेट मैदान बनाने के लिए मैंग्रोव पेड़ों की बड़े पैमाने पर कटाई करने पर जवाब मांगा है।
जाफराबाद के हरेश बांभणिया ने समुद्र के किनारे मैंग्रोव पेड़ों को काटकर क्रिकेट मैदान बनाने पर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। हरेश ने याचिका में बताया कि दिसंबर-2023 में अमुक लोगों ने समुद्र के किनारे मैंग्रोव के पेड़ों को काटने के बाद जमीन को समतल करके क्रिकेट मैदान बना दिया है। चूंकि यह इलाका तटीय विनियमन क्षेत्र (सीआरजेड) के अंतर्गत आता है, इसलिए पर्यावरण कानूनों के तहत यह कदम उठाने की अनुमति नहीं है।
याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी है कि क्रिकेट मैदान बनाने के लिए मैंग्रोव के पेड़ों को काटा गया है। इससे पहले उन्होंने तहसीलदार से शिकायत की थी। शिकायत लेकर वह जिला कलेक्टर के पास भी गए थे, पर उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की।
हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश सुनीता अग्रवाल और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध मायी की खंडपीठ ने जीपीसीबी और जिला प्राधिकरण को नोटिस जारी करके इस मामले में जवाब मांगा है, क्योंकि जाफराबाद का समुद्री क्षेत्र सीआरजेड -1 के अंतर्गत आता है।