अहमदाबाद। सूरत लोकसभा सीट के नतीजे को लेकर गुजरात हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। जिसमें भाजपा उम्मीदवार मुकेश दलाल की जीत को चुनौती दी गई है। गुजरात हाईकोर्ट ने याचिका पर तत्काल सुनवाई करने की मांग खारिज कर दी है।
गुजरात हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस सुनीता अग्रवाल और जस्टिस अनिरद्धा मायी की खंडपीठ ने कहा कि चुनाव संबंधी मुद्दे जनहित के अधिकार क्षेत्र में नहीं आते हैं। अदालत ने माना कि चुनाव संबंधी मामलों में जन प्रतिनिधि अधिनियम का प्रावधान है।
याचिकाकर्ता ने दलील दी कि अगर याचिकाकर्ता उम्मीदवार नहीं है तो वह जन प्रतिनिधि कानून के तहत जीत को चुनौती नहीं दे सकता है। इसलिए जनहित याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ता ने कहा कि मैं सूरत का सामान्य मतदाता हूं और नकारात्मक मतदान करने का अधिकार भी छीन लिया गया (मतदान की प्रक्रिया में मतदाताओं के लिये नोटा का विकल्प मौजूद है और वह एक नकारात्मक मतदान का विकल्प है।)। यहां तक कि सूरत में लोगों को नेगेटिव वोटिंग के अधिकार से भी वंचित कर दिया गया है। इस पर अदालत ने कहा कि निर्विरोध उम्मीदवार भी मतदान के बाद जीते उम्मीदवार के समान है। रिप्रेजेन्टेटिव आॅफ पीपल्स एक्ट में अलग से कोई प्रावधान नहीं है। अदालत ने जनहित याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया।