अहमदाबाद। दो दिन पहले एटीएस, एनसीबी और इंडियन कोस्ट गार्ड ने एक पाकिस्तानी नाव से 602 करोड़ रुपए की हेरोइन जब्त की थी। तीनों एजेंसियों ने मिलकर द्वारका के पास एक भारतीय मछली पकड़ने वाली नाव से 61 करोड़ रुपए कीमत की 173 किलो चरस(हशीश) जब्त की है। इसके साथ ही महाराष्ट्र के चार व्यक्तियों सहित पांच लोगों को हिरासत में लिया गया है। गिरफ्तार आरोपियों से प्रारंभिक पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है। मुख्य आरोपी ने सलाया से मछली पकड़ने वाली नाव किराए पर ली थी और पाकिस्तानी जलसीमा में पश के नजदीक गया था। वहां से ड्रग्स की डिलीवरी लेकर द्वारका वापस आ रहा था और एटीएस ने दबोच लिया।
गुजरात एटीएस के डीएसपी केके पटेल को खुफिया जानकारी मिली थी कि महाराष्ट्र के बीड और मुंबई के रहने वाले तीन लोग अरब सागर में पाकिस्तान से बड़ी मात्रा में ड्रग्स गुजरात ला रहे हैं। तस्करों ने 22 अप्रैल को मछली पकड़ने के बहाने एक नाव किराए पर ली थी। जिसमें 27 तारीख की आधी रात को ड्रग्स रखकर द्वारका लाया जाना है और ड्रग्स को द्वारका के पास अंदरूनी इलाके में छोड़ा जाना है। खुफिया सूचना के आधार पर एटीएस, एनसबी और इंडियन कोस्ट गार्ड ने ऑपरेशन को अंजाम दिया। द्वारका के नजदीक भारतीय जलसीमा में एक संदिग्ध नाव की तलाशी ली गई तो अंदर से 173 किलो चरस मिला। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत 61 करोड़ रुपए है।
एटीएस ने मंगेश उर्फ साहू अरोटे (निवासी- गठवान, चीतलवाडे, अहमदनगर, महाराष्ट्र) और हरिदास कुला (अहमदनगर, महाराष्ट्र) को नाव से गिरफ्तार करने के बाद उनके सहयोगियों कैलाश वैजीनाथ सानप (बीड, महाराष्ट्र), दत्ता सखाराम अंडाले (उल्हासनगर, महाराष्ट्र) को द्वारका से हिरासत में लिया, जबकि अली असगर आरिफ (मांडवी) को कच्छ से गिरफ्तार किया गया।
इस बारे में जानकारी देते हुए डीजीपी विकास सहाय ने बताया कि कैलाश, दत्ता और मंगेश पाकिस्तानी ड्रग माफियाओं के संपर्क में थे। वे पाकिस्तान से हशीश की डिलीवरी लेने के लिए द्वारका और मांडवी गए थे। जहां उसे अपने नाम पर नाव नहीं मिली तो उसने 22 अप्रैल को शाम को मछली पकड़ने के बहाने द्वारका के पास सलाया से एक नाव किराए पर ली थी। इस नाव में मंगेश और हरिदास स्थानीय मछुआरों के साथ गए थे।
नाव को पाकिस्तानी जलसीमा में ले जाने को कहा तो नाव के चालक दल के सदस्यों ने पाकिस्तान जाने से इनकार कर दिया। तस्करों ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी। इसके बाद नाव को पूर्व नियोजित योजना के अनुसार पाकिस्तानी सीमा की ओर ले जाया गया। मंगेश सैटेलाइट फोन की मदद से लगातार कैलाश के संपर्क में था। नाव में वे 27 अप्रैल को सुबह पाकिस्तान के पशनी से 110 समुद्री मील दूर पहुंचे। जहां उसे स्पीड बोट की मदद से पाकिस्तानी माफियाओं द्वारा 173 किलोग्राम चरस, राशन और डीजल की आपूर्ति की गई थी। इसे लेकर द्वारका के पास आने के बाद कैलाश ने एक छोटी नाव से भीतरी इलाकों में ले जाने की योजना बनाई थी। हालांकि उससे पहले ही एक मेगा ऑपरेशन में सभी को पकड़ लिया गया। गुजरात एटीएस ने पूरे मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम का गठन किया है।
एटीएस से मिली जानकारी के अनुसार कैलाश सनप पाकिस्तान से ड्रग्स लाकर महाराष्ट्र के मुंबई समेत स्थानीय शहरों में सप्लाई करने का नेटवर्क चलाता था। दत्ता, हरिदास और मंगेश भी इसमें जुड़े थे। वह अफगानिस्तान की उच्च गुणवत्ता वाली चरस पाकिस्तान से मंगवाता था क्योंकि उसे अच्छे पैसे मिलते थे। हालांकि भारतीय जलसीमा में डिलीवरी के जोखिम और लागत के कारण ड्रग्स की डिलीवरी पाकिस्तान के नजदीक लेते थे। एटीएस ने बताया कि गिरफ्तार तस्करों ने पहले भी नाव किराए पर लेकर भारी मात्रा में चरस मंगवाई थी।