नई दिल्ली। भारत द्वारा फिलीपींस को सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस देने के बाद चीन सहम गया है। फिलीपींस और चीन के बीच दक्षिण चीन सागर में एक द्वीप के स्वामित्व को लेकर विवाद चल रहा है। चीन दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है। इसके साथ ही फिलीपींस, मलेशिया, ब्रूनेई और ताइवान पर भी चीन दावा करता रहा है। विवाद के बीच भारत की ओर से मिसाइल भेजने पर चीन की सेना का बयान सामने आया है।
चीनी सेना के प्रवक्ता वू कियान ने कहा कि चीन का हमेशा विश्वास रहा है कि दोनों देशों के बीच रक्षा और सुरक्षा सहयोग से किसी तीसरे देश को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए। इससे किसी तीसरे देश की शंाति और स्थिरता बाधित नहीं होनी चाहिए। कियान ने अमेरिका की आलोचना करते हुए कहा है कि अमेरिका ने फिलीपींस में मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें तैनात करके इस क्षेत्र की सुरक्षा और शांति के लिए बड़ा खतरा पैदा कर दिया है।
चीन के भड़कने का कारण यह है कि चीन और फिलीपींस के बीच दक्षिण चीन सागर में थॉमस शोल और स्कारबोरो शोल नामक द्वीपों के स्वामित्व को लेकर विवाद चल रहा है। फिलीपींस ने चीन के रवैए को देखते हुए भारत के साथ ब्रह्मोस मिसाइल का सौदा किया है। भारत भी फिलीपींस की मदद कर रहा है।
भारत और फिलीपींस के बीच 2022 में ब्रह्मोस मिसाइल के लिए एक डील हुई थी। इस डील के तहत भारत ब्रह्मोस मिसाइलों के अलावा मिसाइलों की तीन बैटरियां और उसे ऑपरेट करने की ट्रेनिंग समेत पूरी मदद करेगा। भारत ने फिलीपींस को जो ब्रह्मोस मिसाइल दी है, उसकी मारक क्षमता 290 किलोमीटर है और यह ध्वनि की गति से दो से तीन गुना तेज गति से अपने लक्ष्य पर वार कर सकती है।