नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना ने अंडमान-निकोबार में नई बैलेस्टिक मिसाइल क्रिस्टल मेज-2 का सफल परीक्षण किया। हवा से सतह तक मार करने वाली यह मिसाइल 250 किलोमीटर की दूरी तक लक्ष्य भेदने में सक्षम है। यह इजराइल मूल की क्रिस्टल मेज-2 एयर-लॉन्च बैलिस्टिक मिसाइल है जिसे रॉक्स के नाम से भी जाना जाता है।
भारतीय वायुसेना ने मिसाइल के सफल परीक्षण के लिए सबसे घातक फाइटर जेट सुखोई सू-30MKI लड़ाकू जेट का उपयोग किया था। सेना ने अंडमान निकोबार को परीक्षण के लिए इसलिए चुना क्योंकि वहां तीनों सेनाओं को बेस है। इजराइल की यह मिसाइल भारत में बन रही है। इसे मेक इन इंडिया के तहत बनाया जा रहा है।
भारतीय वायुसेना द्वारा सुखोई-30 लड़ाकू विमान से दागी गई यह मिसाइल ऊपर जाने के बाद तेज गति से अपने लक्ष्य की ओर बढ़ती है। क्रिस्टल मेज 2 क्रिस्टल मेज 1 से बिल्कुल अलग है। जिसे इजराइल से भारतीय वायु सेना में बहुत पहले शामिल किया गया था। क्रिस्टल मेज 2 एक विस्तारित स्टैंड-ऑफ रेंज एयर-टू-सतह (हवा से जमीन पर मार करने वाली) मिसाइल है।
मिसाइल की खासियत
- क्रिस्टल मेज-2 की मारक क्षमता 250 किलोमीटर है।
- आकाश से जमीन पर लक्ष्य भेदने में सक्षम।
- यह लंबे रेंज की बैलेस्टिक मिसाइल है।
- मिसाइल का वजन 1360 किलोग्राम है।
- इसकी लंबाई 15 फीट है।
- मिसाइल की पेलोड क्षमता 340 किलोग्राम है
- मिसाइल को लॉन्च करने के लिए सिंगल स्टार सॉलिड रॉकेट इंजन का इस्तेमाल