सूरत। कांग्रेस उम्मीदवार नीलेश कुंभाणी और डमी उम्मीदवार काे लेकर पिछले 24 घंटे से चल रहे हाई वॉल्टेज के साथ ही कांग्रेस के चुनाव लड़ने की दावेदारी खत्म हो गई है। नामांकन पत्र में दस्तखत करने वाले चार साक्षियों के हस्ताक्षर में गड़बड़ी पाए जाने के बाद जिला कलेक्टर ने नीलेश कुंभाणी और डमी उम्मीदवार के नामांकन-पत्र को रद्द कर दिया है।
सूरत सीट से कांग्रेस उम्मीदवार नीलेश कुंभाणी का नामांकन फॉर्म मंजूर होगा या नहीं? इसे लेकर सुबह 9:00 बजे से ही अठवालाइन्स में स्थित जिला सेवा सदन में राजनीतिक गहमागहमी चल रही थी। भाजपा की ओर से चुनाव एजेंट दिनेश जोधाणी और वकील मौजूद थे। वहीं, कांग्रेस उम्मीदवार नीलेश कुंभाणी भी दो वकीलों जमीर शेख और बाबू मांगुकिया के साथ आए थे। सुबह 9 बजे से दोपहर 1-30 बजे तक दोनों पक्षों की ओर से दलीलें पेश करने के बाद सूरत जिला कलेक्टर और मुख्य चुनाव अधिकारी डॉ. सौरभ पारधी ने कांग्रेस उम्मीदवार नीलेश कुंभाणी के नामांकन पत्र रद्द करने का आदेश दिया।
आदेश में कहा गया है कि प्रथम दृष्टया रमेशभाई बावचंदभाई पोलारा के शपथ पत्र पर उनके हस्ताक्षर और उप रजिस्ट्रार कार्यालय बारडोली में उनके नाम पर पंजीकृत िबक्री दस्तावेज के हस्ताक्षर में काफी अंतर पाए गए हैं। नामांकन पत्र में हस्ताक्षर करने वाले अन्य प्रस्तावक जगदीश नानजी भाई सावलिया के शपथ पत्र और ड्राइविंग लाइसेंस में किए गए दस्तखत में भी अंतर है। तीसरे समर्थक ध्रुविन धीरूभाई धामेलिया के शपथ पत्र में किए गए हस्ताक्षर और पैन कार्ड में हुए हस्ताक्षर में अंतर है। अत: जांच के आधार पर प्रस्तावकों के हस्ताक्षर वास्तविक नहीं पाए जाने पर उम्मीदवारी रद्द कर दी गई।
डमी उम्मीदवार सुरेश नागजीभाई पडसाणा का समर्थन करने वाले विशालभाई चिमनभाई कोलडिया के हस्ताक्षर में भी गड़बड़ी पाए जाने के बाद इनका नामांकन भी रद्द कर दिया गया। चुनाव अधिकारी के आदेश के बाद कांग्रेस के चुनाव लड़ने की दावेदारी खत्म हो गई है।