अहमदाबाद। सूरत से कांग्रेस उम्मीदवार नीलेश कुंभाणी का पर्चा रद्द होने के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शक्तिसिंह गोहिल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाजपा का आरोप लगाते हुए कहा कि- नीलेश कुंभाणी को रुपए का लालच दिया गया। नीलेश कुंभाणी ने हमसे बताया था कि उन पर दबाव डाला जा रहा है, उन्होंने सामाजिक तौर पर परेशान किए जाने की भी शिकायत की थी। प्रदेशाध्यक्ष शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि कानून के प्रावधानों के अनुसार यदि नामांकन पत्र पर समर्थक के हस्ताक्षर नहीं हैं, तो उम्मीदवारी रद्द कर दी जाती है। अगर समर्थक फॉर्म भरने के बाद कहता है कि मेरे हस्ताक्षर नहीं हैं तो फॉर्म रद्द नहीं होगा।
शक्ति सिंह ने 2012 के विधानसभा का हवाला देते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान सूरत-पूर्व में यही स्थिति बनी थी। उस समय दिए गए निर्णय और आज लिए गए निर्णय में बहुत अंतर है। एक ही मामले में दो अलग-अलग उम्मीदवारों के लिए अलग-अलग निर्णय कैसे लिए जा सकते हैं? निर्वाचन आयोग से मेरी अपील की है कि निष्पक्ष चुनाव कराएं।
शक्ति सिंह ने आगे कहा कि नामांकन-पत्र और अन्य दस्तावेजों में किए गए समर्थक के हस्ताक्षर को एफएसएल में भेजकर इसकी जांच करानी चाहिए। दोनों दस्तखत एक ही व्यक्ति के हैं या अलग-अलग, इसकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने अारोप लगाते हुए कहा कि भाजपा के धमकाने से समर्थक डर गए हैं। कानून में नामांकन-पत्र रद्द करने का कोई प्रावधान नहीं है। कांग्रेस की लीगल टीम हाईकोर्ट में चुनौती देगी। गुजरात हाईकोर्ट में चुनाव याचिका दायर करेंगे। चुनाव याचिका दायर करने के लिए ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है।
शक्ति सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि बाहरी उम्मीदवारों से भाजपा कार्यकर्ता नाराज हैं। भाजपा में अंतर्कलह खुलकर सामने आ रही है। यही कारण है कि भाजपा को उम्मीदवार बदलने के लिए मजबूर होना पड़ा। भाजपा लोकतंत्र को कलंकित कर रही है। सूरत में भाजपा को हारने का डर सता रहा था, हमारे युवा उम्मीदवार नीलेश कुंभाणी चुनाव जीतने वाले थे।
बता दें, सूरत से कांग्रेस उम्मीदवार नीलेश कुंभाणी और डमी उम्मीदवार का नामांकन रद्द हो गया है। कांग्रेस अब गुजरात की 26 में से 23 सीटों पर ही चुनाव लड़ेगी। गठबंधन के तहत भरुच और भावनगर की सीटों पर आम आदमी पार्टी ने अपने उम्मीदवार को मैदान में उतारा है। पहली बार ऐसा हो रहा है जब कांग्रेस सूरत से लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेगी।