नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 19 अप्रैल को 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 102 सीटों पर सुबह 7:00 से शाम को 6:00 बजे तक 68 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ। त्रिपुरा में सर्वाधिक 90.17%, इसके बाद मेघालय में 72.21%, पांडुचेरी में 73.50% और असम में 72.10% मतदान हुआ। बिहार के नवादा में सबसे कम 40% और राजस्थान के करौली धौलपुर में 42% वोट पड़े।
पहले चरण में तमिलनाडु की सभी 39 सीटें, उत्तराखंड में 5, अरूणाचल प्रदेश में 2, मेघालय में 2, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में 1, मिजोरम में 1, नागालैंड में 1, पांडुचेरी में 1, सिक्किम में 1 लक्षद्वीप में 1, राजस्थान में 12, उत्तर प्रदेश में 8, मध्य प्रदेश में 6, असम और महाराष्ट्र में 5-5, बिहार में 4, पश्चिम बंगाल में 3, मणिपुर में 2, त्रिपुरा, जम्मू कश्मीर और छत्तीसगढ़ में 1-1 सीट पर हिंसा की कुछ छिटपुट घटनाओं को छोड़कर शांतिपूर्ण माहौल में मतदान हुआ।
निर्वाचन आयोग के अनुसार शाम तक कुल 60% मतदान हुआ, सभी मतदान केंद्रों से रिपोर्ट मिलने के बाद ये आंकड़ा बढ़ सकता है। हालांकि 2019 की तुलना में इस साल कम मतदान हुआ है। 2019 में पहले चरण में 69.96% मतदान हुआ था।
मतदान के दौरान असम के तीन मतदान केंद्रों पर ईवीएम में खराबी आई। हालांकि ईवीएम में आई खराबी को तुरंत ठीक कर लिया गया। अरुणाचल प्रदेश में मौसम खराब होने के कारण मतदान धीमी गति से शुरू हुआ। असम जिले के बामेंग सीट के एक मतदान केंद्र पर दो उम्मीदवारों के समर्थकों के बीच झड़प हो गई। हालांकि मतदान केंद्रों पर तैनात पुलिस ने तुरंत मोर्चा संभाल लिया।
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर में लोकसभा चुनाव के दौरान ग्रेनेड फटने से सीआरपीएफ का जवान शहीद हो गया अन्य एक घटना में एक अधिकारी के घायल होने की भी खबर है। लोकसभा चुनाव को लेकर मतदाताओं में भारी उत्साह रहा। बस्तर के 56 गांवों के मतदाताओं ने पहली बार गांव में बने मतदान केंद्र पर वोट डाला।
पश्चिम बंगाल के कूच बिहार में हिंसा के कारण मतदान प्रभावित हुआ। टीएमसी और बीजेपी के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए। मतदान के दौरान मणिपुर में गोलीबारी होने की सूचना भी मिली है। राजस्थान के नागौर में दो पार्टी के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए।