अहमदाबाद। कपास की खेती को सफेद सोना कहा जाता है। गुजरात के सौराष्ट्र में कपास सबसे महत्वपूर्ण फसल है। कपास की पैदावार में सुरेन्द्र नगर जिला प्रदेश में अव्वल है। दूसरे नंबर पर अमरेली है। जबकि कपास की फसल की सर्वाधिक उत्पादकता गिर सोमनाथ जिले में पाई जाती है।
गुजरात में कपास को सबसे मुनाफे की खेती मानी जाती है। गुजरात से उत्पादित कपास का उपयोग भारत के अन्य राज्यों में कपड़ा उद्योगों के लिए कच्चे माल के रूप में किया जाता है और विदेशी कपड़ा उद्योगों को कच्चे माल के रूप में निर्यात किया जाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि गुजरात की कुल पैदावार में 20% हिस्सा कपास का है। गुजरात भारत का दूसरा सबसे बड़ा कपास उत्पादक राज्य है। देश के कुल कपास उत्पादन में गुजरात का हिस्सा 18.11 प्रतिशत है। गुजरात के गांधीनगर, सुरेन्द्र नगर, मोरबी, अमरेली, भावनगर, बोटाद, वडोदरा, छोटा उदेपुर, नर्मदा और भरूच में मुख्य रूप से कपास की खेती होती है।
कपास के कारोबार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि कपास के भावों में पिछले डेढ़ दसक में जो सुधार होना चाहिए वह नहीं है। परिणामस्वरूप कपास की खेती किसानों को हतोत्साहित कर रही है। पिछले साल कपड़ा की खेती में रोग लगने से किसानों को भारी नुकसान हुआ था।
यदि गुजरात की कपास की पैदावार को बढ़ाने के लिए रोगों की रोकथाम के लिए तत्काल कदम उठाए जाने चाहिए। इसके साथ ही विदेशी बाजार में कपास की सस्ती कीमतें सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए।