अयोध्या। बुधवार, 17 अप्रैल को देशभर में धूमधाम से रामनवमी मनाई जाएगी। चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि रामनवमी के रूप में मनाई जाती है। त्रेतायुग में चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को भगवान राम का जन्म पुनर्वसु नक्षत्र आैर कर्क लग्न में हुआ था। तब से नवमी तिथि को भगवान राम के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इसके साथ ही नवमी ितथि को चैत्र नवरात्रि के व्रत का पारणा भी करते हैं।
इस साल अयोध्या में राम मंदिर बनने के बाद रामनवमी और भी खास हो गई है। लोगों के मन में रामनवमी को लेकर उत्सुकता और बढ़ गई है। अयोध्या के राम मंदिर में रामनवमी के अवसर पर भगवान रामलला का सूर्य तिलक भी होगा। अयोध्या में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। जनवरी में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद पहली बार लाखों की संख्या में श्रद्धालु रामनवमी अयोध्या आएंगे। जो रामलला की प्रतिष्ठा में नहीं आ सके, ऐसे लाखों भक्त रामनवमी पर भगवान का दर्शन करने अयोध्या आ रहे हैं। लोगों की भीड़ को देखते हुए अयोध्या में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है।