Monday, March 17, 2025
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रतनपुर के महासम्मेलन में क्षत्रिय नेताओं ने कहा- रूपाला चाहिए या लाखों-करोड़ों क्षत्रियों का समर्थन?

राजकोट। रविवार को रतनपुर में क्षत्रिय महासम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में शामिल होने के लिए गुजरात के हर जिले के अलावा राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों से क्षत्रिय पहुंचे। सम्मेलन में गुजरात के राजवंश समेत राज शेखावत और महिपाल सिंह मकराणा भी मौजूद थे। क्षत्रिय समाज के 15 से अधिक नेताओं ने सम्मेलन को संबोधित किया।
क्षत्रिय महासम्मेलन को संबोधित करते हुए समाज के नेताओं ने कहा कि यह कोई राजनीतिक सम्मेलन नहीं है। इसमें राज्य परिवहन निगम की बसों से लोगों को नहीं लाया गया है, न ही फूड पैकेट बांटे गए हैं, जर्मन डोम भी नहीं बनाए गए हैं। इसमें साम, दाम, दंड, भेद की नीति भी नहीं है। सम्मेलन में भीड़ जुटाने के लिए सरकारी अफसराें के जरिए न दबाव डाला गया, न ही कोई परिपत्र जारी किया गया। इसके बावजूद महासम्मेलन में लाखों की भीड़ इकटठ्ा हुई है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि रूपाला के बयान को लेकर समाज में कितनी नाराजगी है। भाजपा को यही संदेश है कि रूपाला चाहिए या लाखों-करोड़ों क्षत्रियों का समर्थन? रूपाल को हटाकर उनकी जगह किसी भी उम्मीदवार को खड़ा कर दो क्षत्रिय समाज भाजपा के साथ है, वरना खिलाफ होने में देर नहीं है।

भगवान श्रीराम ने भी रावण काे संदेश भेजा था, हम भी कई अर्जियां दे चुके हैं: हरपाल सिंह चूडासमा
क्षत्रिय महासम्मेलन में हिस्सा लेने आए हरपाल सिंह चुडासमा ने कहा कि तूफान भी रुक जाएगा जब लक्ष्य होगा सीने में। गुजरात के कोने-कोने में आंदोलन चल रहा है। हमारी मांग नहीं मानी गई तो राजकोट के राजपूत स्थिति खराब कर देंगे। रावण ने जब माता सीता का हरण किया था तो भगवान राम लोगों को जोड़ते-जाेड़ते लंका पहुंचे थे। लंका पहुंचने के बाद श्री राम ने रावण काे संदेश भेजा था कि सीता को लौटा दें, हम युद्ध नहीं करेंगे, पर रावण नहीं माना। हमने भी जितनी अर्जियां देनी थी दे दी है। 19 तारीख को शाम 5:00 बजे के बाद क्षत्रियों का गुस्ता रूपाला तक ही सीमित नहीं रहेगा। यह हमारी माताओं-बहनों की अस्मिता का आंदोलन है। मैं माताओं-बहनों से कहता हूं, उपवास या जौहर करने की बात न करें, अब आपका लक्ष्य आपका बूथ है। अगले 100 साल तक कोई क्षत्रियों के सामने न देख सके। यह सभी समाज की माताओं-बहनों की बात है।

उतेलिया स्टेट के भगीरथ सिंह की चेतावनी- 16 अप्रैल के बाद भाजपा से सीधी लड़ाई होगी
उतेलिया स्टेट के भगीरथ सिंह ने कहा कि इस धरती पर केवल वीरों को ही राज करने का अधिकार है। ऐसा कहा जाता है कि राजपूत कभी एकजुट नहीं हो सकते, पर इस सम्मेलन ने यह सिद्ध कर दिया है कि राजपूत एकजुट हैं। अगर रूपाला उम्मीदवारी करते हैं तो उसे भाजपा का समर्थन माना जाएगा। 16 अप्रैल के बाद हमारी लड़ाई सीधे भाजपा से होगी। राजपूत देश के कोने-कोने में बसे हैं। रूपाला के उम्मीदवारी करने के बाद हर गांव में भाजपा के खिलाफ मतदान करने की रणनीति बनाई जाएगी।

करन सिंह चावड़ा ने कहा- रूपाला का टिकट रद्द तो सब कुछ खत्म, वरना पार्ट-2 शुरू होगा
क्षत्रिय महासम्मेलन में संकलन समिति के प्रवक्ता करन सिंह चावड़ा ने कहा कि इसकी शुरुआत हमने नहीं की है। पुराने जमाने की तरह अश्वमेघ यज्ञ का घोड़ा छोड़ दिया है, अगर रूपाला का टिकट रद्द नहीं हुआ तो ये घोड़ा गांधीनगर पहुंचेगा। हिम्मत है तो इसे पकड़कर बांध लेना। आज क्षत्रिय समाज अस्मिता की लड़ाई लड़ रहा है। पुरुषोत्तमभाई सभा में शायरी कर रहे हैं- वो समां क्या बुझेगी…। मैं बताना चाहता हूं कि ये तूफान है, सब कुछ उड़ा ले जाएगा। संकलन समिति कार्यक्रम का आयोजन नहीं करती है। संकलन समिति कार्यक्रम के आयोजन में मार्गदर्शन देती है। क्षत्रिय समाज के आंदोलन का पहला चैप्टर पूरा हो रहा है। रूपाला परचा भरेंगे तो पार्ट-2 शुरू होगा।

स्वाभिमान से कोई समझौता नहीं: तृप्तिबा
तृप्तिबा राउल ने महासम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि स्वाभिमान से कोई समझौता नहीं होगा। हमें समझाने के लिए हमारे ही समाज के दूसरे भाइयों को भेजा जा रहा है। खून तो उनका भी खौलता होगा, पर उनकी कुछ मर्यादाएं हैं। यह समाज का सवाल है, इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। दूसरी सीटों पर विरोध और विवाद के बाद उम्मीदवार बदल दिए जाते हैं, पूरा मंत्रिमंडल बदल दिया जाता है। रूपाला ने तो बहनों पर निम्नस्तर की टिप्पणी की है। रूपाला का टिकट रद्द न करके यह संदेश दिया जा रहा है कि लोकतंत्र में कोई भी जाति-पांति पर बयानबाजी कर सकता है।

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