सूरत। मंगलवार को मराठी समाज ने गुड़ी पडवा मनाया। महिलाओं ने घर पर पूजा-अर्चना की। चैत्र मास की शुक्त प्रतिप्रदा को गुड़ी पड़वा या वर्ष प्रतिपदा या उगादि (युगादि) के रूप में मनाया जाता है। इस दिन हिन्दु नववर्ष का आरम्भ होता है। ‘गुड़ी’ का अर्थ ‘विजय पताका’ होता है। कहते हैं की मराठी राजा शालिवाहन ने मिट्टी के सैनिकों की सेना से प्रभावी शत्रुओं (शक) का पराभव किया था। इस विजय के प्रतीक रूप में शालिवाहन शक का प्रारंभ इसी दिन से होता है। गुड़ी पडवा के दिन हिन्दू नव संवत्सर का प्रारम्भ माना जाता है। वहीं, दूसरी ओर चैत्र नवरात्रि भी इसी दिन से शुरू होता है। नाै दिनों तक मां दुर्गा की आराधना की जाती है।
चैत्र नवरात्रि के पहले दिन अंबाजी मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़

मंगलवार को चेत्र नवरात्रि के पहले दिन अंबाजी मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लग गई। नवरात्रि में नौ दिनों तक मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगी रहती है। मंदिर ट्रस्ट की ओर से श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्था की गई है।