सूरत। कापोद्रा की गायत्री सोसाइटी में मार्केटिंग के बहाने जुए का अड्डा चल रहा था। पुलिस ने ऑनलाइन मार्केटिंग के ऑफिस में दबिश देकर 24 लोगों को गिरफ्तार कर 2लाख, 25 हजार रुपए का सामान जब्त किया है। भावनगर से जुए का अड्डा चलाने वाले दो लोगों को वॉन्टेड घोषित किया है।
कापोद्रा थाने के सब इंस्पेक्टर एएल पंड्या और हेड कांस्टेबल जयसुख लाभाभाई को खुफिया सूचना मिली थी कि रचना सर्किल के पास गायत्री सोसाइटी में एचएस मार्केटिंग प्रा.लि. के ऑफिस में भाविन मोजिद्रा और विजय गोलाणिया जुए का अड्डा चलाते हैं। पुलिस की टीम ने गायत्री सोसाइटी के बिल्डिंग नं. 140 में जय माताजी कोल्डिंक्स के पास बिना नाम वाले आॅफिस में छापा मारा। पुलिस ने छापा मारते ही भगदड़ मच गई। पुलिस ने पंकज तखतसिंह सोलंकी और सुरेश अजमल सोलंकी(निवासी- बिल्डिंग नं.152, गायत्री सोसाइटी) समेत 24 लोगों को गिरफ्तार किया। पुलिस की पूछताछ में पंकज और सुरेश ने बताया कि वह तो नौकरी करते हैं। भावनगर के रहने वाले भाविन ओधवजी मोजिद्रा और विजय छगन गोलाणिया किराए पर कमरा लेकर जुआ का अड्डा चलाते हैं। यहां धार्मिक यंत्रों पर रुपए लगाए जाते थे। यंत्र पर रुपए लगाने के बाद विजेता को नौ गुना वापस लौटाए जाते थे। पुलिस ने 80,552 रुपए नकद, 47 धार्मिक यंत्र, कम्प्यूटर, कार्ड स्केनर, कॉइन मशीन, 21 मोबाइल, 61 चांदी जैसी धातु के सिक्के समेत कुल 2लाख, 25 हजार रुपए का सामान जब्त किया।
धार्मिक यंत्र पर ऐसे लगाते थे दांव
पंकज और सुरेश सोलंकी ने पुलिस ने बताया कि ग्राहक एक यंत्र को चुनने के बाद उस पर 11 रुपए लगाते थे। यंत्र पर 1 लिखकर कार्ड स्केन करके ग्राहकों को दे देते थे। हर पांच मिनट में मशीन से कोई एक यंत्र सिलेक्ट होता था। सिलेक्ट होने वाले यंत्र को विजेता घोषित किया जाता था और उस पर लगाए गए दांव की 9 गुना रकम चुकाई जाती थी। इसके बाद यंत्र वापस ले लिया जाता था।
इस प्रकार के धार्मिक यंत्रों का उपयोग करते थे
जुआ खेलवाने के लिए 14 प्रकार के धार्मिक यत्रों का उपयोग करते थे। वास्तु यंत्र, मत्स्य यंत्र, प्लेनेट यंत्र, कुबेर यत्र, लव यंत्र, सुदर्शन यंत्र, श्री यंत्र, मेडिटेशन यंत्र, गृह यंत्र, तारा यंत्र, वशीकरण यंत्र, धनु राशि यंत्र मुख्य थे। इसके साथ ही आॅफिस के बाहर एक पोस्टर भी चिपकाए थे, जिस पर लिखा है गुजरात हाईकोर्ट ने एचएस. ऑनलाइन मार्केटिंग के सिविल एप्लीकेशन में ऑनलाइन यंत्रों की बिक्री को कानूनी माना है और इस आदेश के अनुसार जुआ अधिनियम के तहत कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।
