भुज। कच्छ के वागड़ से कई पौराणिक अवेशष मिल चुके हैं। लोकोक्ति के अनुसार इसे पांडव काल का विराटनगर कहा जाता है। एक बार फिर रापर तहीसल के मखेल में सूर्य मंदिर के पासा तालाब की खुदाई के दौरान पौराणिक मूर्ति मिली है।
रापर तहसील के गेडी, नागतर, बादरगढ, चित्रोड, आडेसर समेत इलाकों में पौराणिक अवशेष मिले हैं। मखेल गांव में अति प्राचीन सूर्य मंदिर के पास लखियासर तालाब में खुदाई के दौरान एक पौराणिक मूर्ति मिली है। मखेल के पूर्व सरपंच भरत परमार ने बताया कि लखियासर तालाब को गहरा किया जा रहा है। खुदाई के दौरान एक मूर्ति मिली है। यह करीबन 700 से 1000 साल पुरानी है। मूर्ति काठी दरबार की बताई जाती है। पूर्व सरपंच भरतभाई का कहना है कि पुरातत्व विभाग द्वारा यहां खुदाई कराई जाए तो कई ऐतिहासिक वस्तुएं मिल सकती हैं। बताया जाता है कि मुगल शासनकाल में सूर्य मंदिर की रक्षा करने के लिए अनेक लाेगों ने अपनी जान दे दी थी।