Tuesday, March 18, 2025
Homeअंतरराष्ट्रीयनेपाल में संस्कृत ग्रंथों पर होगा शोध, हस्तप्रतियों के प्रकाशन के लिए...

नेपाल में संस्कृत ग्रंथों पर होगा शोध, हस्तप्रतियों के प्रकाशन के लिए खुलेगा अध्ययन केंद्र

भारत और नेपाल के विद्वानों ने संस्कृत शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए हाथ मिलया है। दोनों देशों के विद्वान हर साल अंतरराष्ट्रीय संस्कृत परिषद का आयोजन करेंगे। हस्तप्रतियों पर शोध और प्रकाशन की व्यवस्था के लिए एक अध्ययन केंद्र खोला जाएगा।
काठमांडू में तीन दिवसीय नेपाल-भारत अंतरराष्ट्रीय संस्कृत परिषद के समापन पर पांच प्रस्ताव पारित किए गए। इस दौरान महर्षि संदीपनि वेद विद्या प्रतिष्ठान, उज्जैन के सहयोग से नेपाल में गुरुकुल के विकास के मदद करने का संकल्प लिया है। प्रस्ताव के अनुसार नीति रिसर्च फाउंडेशन नेपाल दोनों देशों के सेंटर फॉर संस्कृत स्टडीज के मुख्य कार्यालय के रूप में काम करेगा। यह केंद्र संयुक्त शोध करेगा और नेपाल, भारत के संस्कृत ग्रंथों के प्रकाशन की व्यवस्था करेगा। नेपाल में मिली हस्तप्रतियों का भी अध्ययन करेगा।
एक अनुमान के अनुसार नेपाल के पुरातत्व विभाग में संस्कृत की करीबन 5 लाख अप्रकाशित हस्तप्रतिलिपियां संरक्षित हैं। नीति रिसर्च द्वारा रविवार को जारी एक प्रकाशन के अनुसार भारत में नेपाल की संस्कृत भाषा सिखाने के लिए एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। सेंट्रल संस्कृत यूनिवर्सिटी(दिल्ली), नेपाल में गुरुकुलों को लाइब्रेरी की सुविधा मुहैया कराएगी। इसके साथ ही नेपाल में संस्कृत शिक्षा संस्थानों को जरूरी पुस्तकें प्रदान करेगी।
कॉन्फ्रेंस में संस्कृत, पाली और प्राकृत भाषा के संरक्षण के साथ नेपाल और भारत के धर्म, संस्कृति, तत्वज्ञान, इतिहास और पुरातत्व को प्रोत्साहित करने का प्रस्ताव पास किया गया। सेंट्रल संस्कृत यूनिवर्सिटी और इंडिया फाउंडेशन के सहयोग से एनआईटीआई रिसर्च फाउंडेशन द्वारा आयोजित तीन दिवसीय कॉन्फ्रेंस में दोनों देशों के 120 से अधिक संस्कृत के विद्वान, प्रोफेसर और सरकारी अधिकारी शामिल हुए।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments