सूरत। चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश के कुछ स्थानों के नामों की सूची घोषित करने पर भारत ने करारा जवाब दिया है। सोमवार, 1 अप्रैल को सूरत आए केंद्रीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि अगर मैं आज आपके घर का नाम बदल दूं तो क्या वह घर मेरा हो जाएगा? अरुणाचल प्रदेश भारत का राज्य था, है और रहेगा। नाम बदलने से कुछ नहीं होता और कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। आप सभी जानते हैं, हमारी सेना वहां (एलएसी पर) तैनात है। सेना के लोग जानते हैं कि उन्हें वहां क्या करना है।
विदेश मंत्री का जवाब ऐसे समय आया है जब सोमवार को चीन ने चौथी बार भारत की जमीन पर अपना दावा किया है। चीन ने अरुणाचल प्रदेश में कुछ स्थानों के नाम फिर से बदल दिए हैं और 30 नामों की सूची की घोषणा की है। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने हाल ही में कहा था कि चीन के नागरिक मामलों के मंत्रालय ने ‘जांगनान’ में प्रमाणित भौगोलिक नामों की चौथी सूची जारी की है। कार्यक्रम में पत्रकारों के सवाल पूछने पर विदेश मंत्री एक बार फिर चीन को आइना दिखाया। उन्होंने अरुणाचल प्रदेश के कई स्थानों के नाम बदलने के ड्रेगन के प्रयासों को नकार दिया। विदेश मंत्री ने कहा कि यह राज्य भारत का अभिन्न अंग है, इसे काल्पनिक नाम देने से वास्तविकता नहीं बदल जाएगी।
चीन हमेशा भारत के अरुणाचल प्रदेश को ‘जांगनान’ के नाम से संदर्भित करता है और दावा करता है कि यह राज्य दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा है। चीन मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर अरुणाचल प्रदेश के कुछ स्थानों के 30 बदले हुए नामों की सूची प्रकाशित की गई है। साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि यह सूची 1 मई से लागू कर दी जाएगी।
बता दें, चीन ने इससे पहले 2017 में भारत के खिलाफ विरोध करते हुए अरुणाचल प्रदेश के छह स्थानों के नाम बदल दिए थे। इसके बाद 2021 में 15 और 2023 में 11 स्थानों के नाम बदले थे। चीन ने एक बार फिर अरुणाचल में 30 स्थानों के नाम बदलकर भारत को उकसाने की कोशिश की है। चीन ने जब 11 नामों की तीसरी सूची की जारी की थी, तक अमेरिका ने उसकी आलोचना करते हुए कहा था कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है।