अहमदाबाद। साल 1995 में भावनगर स्थित स्टेट बैंक ऑफ सौराष्ट्र के अधिकारियों और गोसालिया ग्रुप के तीन लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज हुई थी। बैंक घोटाले में सीबीआई कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है, जिसमें गोसालिया ग्रुप के 3 लोगों को 5 साल की कैद और 15 लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीआईआई) ने साल 1995 में भावनगर की स्टेट बैंक ऑफ सौराष्ट्र के तत्कालीन चीफ मैनेजर और गोसालिया इंटरनेशनल के भागीदारों के खिलाफ केस दर्ज किया था। जिसमें आरोप लगाया गया था कि बैंक अधिकारी ने दो करोड़ रुपये की कैश क्रेडिट लिमिट दी थी। अधिकारियों ने 30 लाख की कैश क्रेडिट बढ़ाने की अर्जी की जांच-पड़ताल किए बगैर 60 लाख कर दिया था। इसके बाद इसे बढ़ाकर डेढ़ करोड़ कर दिया गया था। इसी बीच गोसालिया ग्रुप डिफोल्टर हो गया। सीबीआई कोर्ट ने गोसालिया ग्रुप के विपुल गोसालिया, अनिल गोसालिया और दिलीप गोसालिया को एक से पांच साल तक की कैद और 15 लाख जुर्माने की सजा सुनाई है। बैंक अधिकारियों का कार्यकाल पूरा होने के बाद उनके खिलाफ दर्ज आरोपों को रद्द कर दिया गया था।