अहमदाबाद। वडाेदरा की भाजपा उम्मीदवार और सांसद रंजनबेन भट्ट ने लोकसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। उन्होंने यह जानकारी सोशल मीडिया पर शेयर की है। रंजनबेन के इस निर्णय से भाजपा में गुटबंदी सामने आई है। रंजनबेन को टिकट देने के बाद पार्टी में उनका कड़ा विरोध हुआ था। पार्टी के इस निर्णय से कई नेता नाराज थे। रंजनबेन ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि पिछले कुछ दिनों में मुझे बदनाम किया जा रहा है, इससे मुझे बहुत दुख हुआ है। पार्टी ने मुझे 10 साल तक मौका दिया, तीसरी बार विश्वास करके मुझे लोकसभा का टिकट दिया है। मैंने निजी कारणों से लोकसभा चुनाव न लड़ने का फैसला किया है।
बता दें, रंजनबेन को तीसरी बार लोकसभा का टिकट दिए जाने के बाद महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. ज्योति पंड्या ने उनका विरोध किया था, हालांकि पार्टी ने उन्हें 6 साल के लिए निलंबित कर दिया था। सोशल मीडिया पर रंजनबेन के खिलाफ दुष्प्रचार किया जा रहा था। इससे आहत होकर उन्होंने चुनाव न लड़ने का फैसला लिया है।
उधर, साबरकांठा के उम्मीदवार भीखाजी ठाकोर ने भी लोकसभा चुनाव लड़ने से इनकार किया है। उन्होंने सोशल मीडिया(X) पर इसकी जानकारी दी है। उन्होंने व्यक्तिगत कारणों से चुनाव लड़ने से इनकार किया है। उनके इस निर्णय के बाद अरावली कमलम कार्यालय से भीखाजी के पोस्टर हटा दिए गए हैं। बता दें, भीखाजी की जाति ठाकोर या डामोर को लेकर विवाद शुरू हुआ था। उन्होंने चुनाव न लड़ने की घोषणा करके विवाद पर पूर्ण विराम लगा दिया है।
इन दो उम्मीदवारों के चुनाव न लड़ने की घोषणा के बाद भरुच के भाजपा उम्मीदवार मनसुख वसावा का बयान भी चर्चा में आया है। मनसुख वसावा ने कहा कि भाजपा एक अनुशासित पार्टी है, यह इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। एक उम्मीदवार का विरोध शुरू हुआ तो उसने कह दिया कि पार्टी दूसरे नेता को मौका दे सकती है। मुझे भी यदि कार्यकर्ता स्वीकार न करते हों तो मैं भी चुनाव से हटने को तैयार हूं। रंजनबेन और भीखाजी के चुनाव न लड़ने के निर्णय का मैं स्वागत करता हूं।