सूरत। नगर निगम संचालित स्मीमेर अस्पताल में टोकन सिस्टम लागू किया गया है। हॉस्पिटल इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट सिस्टम(HIMS) के अंतर्गत स्मीमेर अस्पताल को कम्प्यूटराइज्ड किया गया है। टोकन सिस्टम के पहले ही दिन मरीजों काे काफी परेशानी हुई। टोकन लेने के बाद मरीजों को केस विंडो तक पहुंचने में एक से सवा घंटे लग रहा है। इसके बाद ओपीडी और दवा लेने में काफी समय लगेगा। नगर निगम द्वारा स्मीमेर अस्पताल को पेपरलेस बनाने की कोशिश की जा रही है। यहां लाखों रुपए खर्च करके टोकन डिस्पेंसर मरीशन समेत सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है। इसके अलावा ओपीडी, केस विंडो, डिस्पेंसरी विभाग में एलईडी लगाए गए हैं। टोकन सिस्टम के पहले दिन मरीजों को परेशानी न हो इसलिए पूरे स्टाफ को अलर्ट कर दिया गया था। केस विंडो पर मरीजों की भीड़ न हो, इसलिए वहां बैठने की समुचित व्यवस्था की गई है। टोकन नंबर आने के बाद अस्पताल के स्टाफ द्वारा मरीजों को सूचित किया जाता था, इसके बाद उन्हें पूरी प्रक्रिया समझाई जाती थी।
प्रदेशभर में पहली बार स्मीमेर अस्पताल की समग्र प्रक्रिया पेपरलेस की गई है। इस पर करीबन 40 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। पेपरलेस सिस्टम के पहले चरण में ओपीडी, लैबोरेटरी, फार्मेसी, रेडियोलाॅजी विभाग को जोड़ा गया है। दूसरे चरण में सभी इंडोर विभाग को जोड़ा जाएगा। डॉक्टर, नर्स और स्टाफ को इसकी ट्रेनिंग दी जा रही है।