भरूच। बुलेट ट्रेन, एक्सप्रेस वे प्रोजेक्ट में जमीन गंवाने वाले किसान उचित मुआवजा न मिलने पर लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव के नजदीक आते ही नेताओं और सरकार पर दबाव डालने के लिए 300 से अधिक किसानों ने कलेक्ट्रेट के सामने उग्र विरोध प्रदर्शन किया। किसानों ने कलेक्टर को ज्ञापन देकर जमीन का उचित मुआवजा चुकाने की मांग की।
भरुच जिले में केंद्र और राज्य सरकार के कई महत्वपूर्ण प्राेजेक्ट चल रहे हैं। इसमें बुलेट ट्रेन, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे, भाड़भूत बैराज योजना मुख्य हैं। किसानों का आरोप है कि दूसरे जिलों में बुलेट ट्रेन, एक्सप्रेस वे में जमीन गंवानों वाले किसानों को सरकार ने अच्छा मुआवजा चुकाया है, जबकि भरूच जिले के किसानों को कम मुआवजा दिया जा रहा है। भरूच जिले के 38 गांवा के किसान पिछले 4 साल से मुआवजे को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। अब तक 55 से अधिक बार कलेक्टर को ज्ञापन दे चुके हैं। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीआर पाटिल को अपनी समस्याएं बता चुके हैं। इसके बावजूद किसानों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
किसानों ने मंगलवार को एक बार कलेक्ट्रेट के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। महिलाओं ने थाली-बेलन से अपना विरोध जताया। किसानों ने कहा कि हमारी समस्या का निवारण नहीं हुआ तो लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे।
बता दें, वलसाड, नवसारी और सूरत जिले में प्रभावित किसानों को 900 से 1200 प्रतिवर्ग मीटर के हिसाब से मुआवजा चुकाया गया है, जबकि भरूच में किसानों को इससे कम मुआवजा दिया जा रहा है, किसान इसी को लेकर विरोध कर रहे हैं।