अमेरिका में लॉस एंजिल्स की एक अदालत ने गुजराती मूल के पांच भाइयों से जुड़े विवाद में 21 साल बाद फैसला सुनाया है। अरबों डाॅरल की धनराशि और संपत्ति में बंटवारे का आदेश दिया है। पांचों भाइयों ने हीरा और रियल एस्टेट में अकूत संपत्ति कमाई है, पर ऐसी घटना हुई की उनकी जोड़ी टूट गई और पूरा मामला अदातलत तक पहुंच गया। पांचों भाइयों के विवाद का मामला 21 साल तक अदालत में लंबित रहा। इन पांचों भाइयों के नाम हरेश जोगाणी, शशिकांत, राजेश, चेतन और शैलेष जोगाणी है। अमेरिका की अदालत ने बड़े भाई हरेश जोगाणी को अपने चारों भाइयों को 20,000 करोड़ से अधिक हर्जाना और दक्षिणी कैलिफोर्निया में अपनी संपत्ति के शेयरों में हिस्सा देने का आदेश दिया है। इस संपत्ति की कीमत 17,000 अरब से अधिक है। हरेश जोगाणी पर अपने भाइयों के साथ लंबे समय से चली आ रही पार्टनरशिप को तोड़ने आरोप लगा था। इसी आधार पर अदालत में याचिका दायर हुई थी।
मूल रूप से गुजरात के रहने वाले जोगाणी परिवार ने हीरे के कारोबार के लिए यूरोप, अफ्रीका, मध्य पूर्व और उत्तरी अमेरिका में आउटपोस्ट बनाए थे। 2003 में दर्ज की गई शिकायत के अनुसार शशिकांत उर्फ शशि जोगाणी 1969 में 22 साल की उम्र में कैलिफोर्निया चले गए और आभूषण का कारोबार करने लगे। इसके बाद प्रॉपर्टी का काम करते हुए अपनी फर्म बनाई। 1990 के दशक में मंदी के कारण घाटा हुआ तो शशिकांत जोगाणी अपने भाइयों को साथ ले गए और उन्हें फर्म में पार्टनर बना लिया। इसके बाद कंपनी ने खरीदारी का सिलसिला शुरू किया और भाइयों के सहयोग से लगभग 17,000 अपार्टमेंट यूनिट्स का पोर्टफोलियो बनाया। सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन इसी बीच हरेश ने अपने भाई को फर्म के प्रबंधन से जबरन हटा दिया और हिस्सा देने से इनकार कर दिया।
हरेश जोगाणी का तर्क था कि लिखित समझौते के बिना उनके भाई पार्टनरशिप को साबित नहीं कर सकते हैं। गवाहों को सुनने के बाद ज्यूरी ने पाया कि हरेश ने मौखिक अनुबंध का उल्लंघन किया है।
जब केस खत्म होने वाला था तो हरेश जोगानी ने जज पर वकील के प्रति नस्लीय दुश्मनी का आरोप लगाते हुए उन्हें अयोग्य ठहराने की मांग की। जज सुसान ब्रायंट-डीसन ने उनके आरोपों को खारिज कर दिया। ज्यूरी ने हरेश का भागीदारी का उल्लंघन करने पर शशिकांत जोगाणी को 1.8 अमेरिकी डॉलर, चेतन को 234 अरब डॉलर और राजेश को 360 अरब डाॅलर हर्जाना चुकाने का आदेश दिया।
अमेरिका में 5 गुजराती भाइयों के बीच 21 साल पुराने संपत्ति विवाद में एक भाई को बाकी चार को देने होंगे 20 हजार करोड़
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