सूरत। वीर नर्मद दक्षिण गुजरात यूनिवर्सिटी के 55वें दीक्षांत समारोह में राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि शिक्षा के साथ गुणवान होना भी जरूरी है। डिग्री लेने के बाद सत्य का आचरण नहीं किया तो उसका कोई लाभ नहीं है। लादेन भी पढ़ा-लिखा था। आतंकवादियाें के पास भी ऊंची डिग्रियां हैं। डिग्री लेने के बाद असली वस्तु है विशेष गुण, उसमें भी सबसे पहले सत्य का अाचरण करना।
शिक्षामंत्री प्रफुल पानसेरिया की मौजूदगी में यूनिवर्सिटी के कन्वेशन हॉल में आयेाजित समारोह में राज्यपाल और महानुभावों के हाथों 12 विभागों में 17,375 छात्रों को डिग्री के साथ मेडल दिए गए। इसके अलावा 81 पीएचडी और 4 एमफिल की डिग्री दी गई।
सूरत की सूर्यपुर संस्कृत पाठशाला के 11 ऋषिकुमारों ने शंखनाद और 10 पंडितों ने वैदिक मंत्रोच्चार और तैत्तरीय उपनिषद के श्लोक के साथ प्राचीन गुरुकुल परंपरा प्रस्तुत की। राज्यपाल ने डिग्री और मेडल लेने वाले छात्रों के उज्जवल भविष्य की कामना की। शिक्षामंत्री प्रफुल पानसेरिया ने छात्रों को शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत होने की अपील की। दीक्षांत समारोह में यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. केएच चावड़ा, कुलसचिव आरसी गढवी, परीक्षा नियामक एवी धडुक, विभागीय अध्यक्ष, यूनिवर्सिटी के पदाधिकारी और छात्र भारी संख्या में मौजूद रहे। दीक्षांत समारोह में बरफीवाला कॉलेज के असि. प्रोफेसर स्व. मोहित कुमार प्रकाश चंद्र पटेल को पीएचडी की डिग्री दी गई। स्व. मोहित कुमार के जुड़वा बेटे तीर्थ और तथ्य ने राज्यपाल के हाथों डिग्री स्वीकार की। स्व. मोहित कुमार यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. केएन चावड़ा के मार्गदर्शन में प्लास्टिक पर पीएचडी कर रहे थे। उन्होंने अपना शोध पूरा कर लिया था, इसी बीच उनकी मौत हो गई।
संस्कृत में एमए करने वाली सरस्वती राठौड़ को तीन गोल्ड मेडल
भरूच की सरस्वती राठौड ने संस्कृत में एमए की पढ़ाई पूरी की। नर्मद यूनिवर्सिटी में आयोजित दीक्षांत समारोह में उन्हें तीन गोल्ड मेडल देकर सम्मानित किया गया। सरस्वती राठौड वलसाड में बीएड की पढ़ाई कर रही हैं।