रायपुर। जैन मुनि आचार्य विद्यासागर जी महाराज ने शनिवार को देर रात छत्तीसगढ़ के डांेगरगढ़, चंद्रगिरी तीर्थ में शरीर त्याग दिया। जैन मुनि के सम्मान में छत्तीसगढ़ में राजकीय शोक की घोषणा की गई है। आचार्य विद्यासागर महाराज ने शनिवार को रात करीबन ढाई बजे समाधि ली। इससे पहले उन्होंने आचार्य पद छोड़कर तीन दिन मौन धारण करके उपवास किया था। रविवार को विद्यासागर जी महाराज का चंद्रगिरी पर्वत पर अंतिम संस्कार किया गया।
जैन मुनि के निधन पर प्रधानमंत्री मोदी ने गहरा शोक जताया है। उन्होंने सोशल मीडिया(X) पर लिखा- आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज जी का ब्रह्मलीन होना देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है। लोगों में आध्यात्मिक जागृति के लिए उनके बहुमूल्य प्रयास सदैव स्मरण किए जाएंगे। वे जीवनपर्यंत गरीबी उन्मूलन के साथ-साथ समाज में स्वास्थ्य और शिक्षा को बढ़ावा देने में जुटे रहे। यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे निरंतर उनका आशीर्वाद मिलता रहा। पिछले वर्ष छत्तीसगढ़ के चंद्रगिरी जैन मंदिर में उनसे हुई भेंट मेरे लिए अविस्मरणीय रहेगी। तब आचार्य जी से मुझे भरपूर स्नेह और आशीष प्राप्त हुआ था। समाज के लिए उनका अप्रतिम योगदान देश की हर पीढ़ी को प्रेरित करता रहेगा।
उधर, छत्तीसगढ़ सरकार ने जैन मुनि के निधन पर आधे दिन का राजकीय शोक घोषित किया। इस दौरान राष्ट्रीय ध्वज झुका रहेगा और कोई राजकीय कार्यक्रम आयोजित नहीं होगा।
