अहमदाबाद। प्रदेश में शिक्षा के गिरते स्तर को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में शिक्षामंत्री ने विधानसभा में चौंकाने वाला आंकड़ा पेश किया। शिक्षामंत्री ने कहा कि गुजरात में 1606 प्राथमिक स्कूलों में केवल 1-1 शिक्षक हैं। प्रदेश में शिक्षकों की भारी कमी है, जल्द ही इसे पूरा कर लिया जाएगा।
प्रदेश में प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की कमी को लेकर बार-बार शिकायतें होती रही हैं। शिक्षा मंत्री ने विधानसभा सत्र में जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में कुल 33510 प्राथमिक स्कूल हैं, जिसमें 1606 स्कूलों में 1-1 शिक्षक हैं। शिक्षामंत्री ने बताया कि पहले 754 स्कूलों में एक-एक शिक्षक पढ़ाते थे, अब ऐसे स्कूलों की संख्या बढ़कर 1606 हो गई है।
सरकार की ओर विधानसभा में पेश किए आंकड़ों के अनुसार छोटा उदेपुर में सर्वाधिक 283 स्कूलों में एक-एक शिक्षक बच्चों को पढ़ाते हैं। अहमदाबाद में 17, अमरेली में 41, आणंद में 16, अरावली में 18 और दाहोद में 20 स्कूलों में केवल एक-एक शिक्षक हैं। इसके अलावा बनासकांठा में 87, भरूच में 102, द्वारका में 104, भावनगर में 29, बोटाद में 29, गांधीनगर में 8 प्राथमिक ऐसे हैं, जहां केवल एक शिक्षक ही बच्चों को पढ़ा रहे हैं।
कांग्रेस विधायक तुषार चौधरी ने आरोप लगाते हुए कहा कि प्राथमिक स्कूलों में कोई भी प्रिंसिपल बनने को तैयार नहीं है। सीआरटी और बीआरसी कॉन्ट्रैक्टर बन गए हैं। प्रदेश में 19650 शिक्षकों की जगह खाली है। इससे शिक्षा का स्तर लगातार गिरता जा रहा है।
बता दें, राज्य सरकार ने बजट में शिक्षा के लिए 30 हजार करोड़ का प्रावधान किया है। इसके बावजूद शिक्षकों और स्कूलों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसमें सुधार नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में प्रदेश में शिक्षा का स्तर और खराब हो जाएगा। शिक्षकों की कमी के कारण सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या लगातार घटती जा रही है।