सूरत। सरदार वल्लभभाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी(एसवीएनआईटी) के 20वें दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी में महिलाओं की बढ़ती संख्या देश की प्रगति के लिए शुभ संकेत है। देश को विकसित और शिक्षित बनाने में नारी शक्ति की भूमिका अहम है। राष्ट्रपति ने युवकों से नए उद्योग एवं रोजगार का सृजन करने का आह्वान किया।
वीर नर्मद दक्षिण गुजरात यूनिवर्सिटी के कन्वेंशन हॉल में आयेाजित दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा व्यक्तिगत कैरियर तक सीमित नहीं है। उसमें जन कल्याण और राष्ट्रहित की भावना भी होनी चाहिए। राष्ट्रपति ने एसवीएनआईटी के आदर्श वाक्य ” विज्ञानं सारथि न: स्यात’ का अनुसरण करते हुए नए विचार, नई ऊर्जा और नए आत्मविश्वास के साथ देश के उत्कर्ष में सारथी बनने का अनुरोध किया।
डिग्री हासिल करने वाले छात्रों के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए राष्ट्रपति ने कार्यक्रम में मौजूद छात्रों से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(AI) से देश के वर्तमान और भविष्य को उज्जवल बनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें देश के लिए विकास के लिए AI टेक्नोलॉजी की पहल कर रही हैं। एसवीएनआईटी जैसी तकनीकी संस्थाओं को भी कॉर्पोरेट सेक्टर, एनजीओ और शोध करने वाली संस्थाओं के साथ मिलकर AI के गैप को कम करने पर विचार करना चाहिए। आज के युवा नई तकनीक से भारत को आगे ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। दीक्षांत समारोह में राज्यपाल आचार्य देवव्रत भी माैजूद रहे। एसवीएनआईटी के डायरेक्टर डॉ. अनुपम शुक्ला ने राष्ट्रपति और राज्यपाल का स्वागत किया। दीक्षांत समारोह में 1434 छात्रों को डिग्रियां प्रदान की गई। 22 छात्र और 6 छात्राओं को गोल्ड मेडल दिए गए।