पटना/रांची। बिहार में कांग्रेस को ऑपरेशन लोटस का डर सताने लगा है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे के साथ बैठक करने के बाद सभी विधायक दिल्ली से हैदराबाद भेजे गए। सभी विधायक 12 फरवरी को बहुमत साबित करने के दिन वापस आएंगे। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बिहार में कांग्रेस के 19 में से 17 विधायकों को हैदराबाद भेजा गया है। एक दिन पहले हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। गत 28 जनवरी को नीतिश कुमार महागठबंधन से अलग होकर एनडीए के साथ बिहार में सरकार बनाई थी। इसके साथ ही कांग्रेस में टूट की चर्चा जोर पकड़ने लगी। कांग्रेस हाईकमांड इन अफवाहों को लेकर काफी परेशान है। बिहार में नई सरकार को अभी बहुमत साबित करना बाकी है। यही कारण है कि कांग्रेस अपने सभी विधायकों पर नजर बनाए हुए है।
उधर, झारखंड की बात करें तो हेमंत सोरेने की गिरफ्तारी के बाद चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई है। सोमवार को चंपई सोरेन को बहुमत साबित करना है। इससे पहले विधायकों की खरीद-फरोख्त पर रोक लगाने के लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा(जेएमएम) और कांग्रेस के सभी विधायकों को हैदराबाद भेजा गया था। तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार होने से वहां विधायकों के टूटने का कोई खतरा नहीं है। बताया जाता है कि फ्लोर टेस्ट से एक दिन पहले रविवार को सभी विधायक रांची वापस लौट आए।