नई दिल्ली। राजस्थान में राज्य सभा की तीन सीटें खाली हैं। इन सीटों को लेकर भाजपा और कांग्रेस में चर्चा शुरू हो गई है। कुछ ही दिनों में लोकसभा चुनाव भी होने वाले हैं। इसे ध्यान में रखकर दोनों पार्टियां सावधानी से निर्णय लेंगी। काग्रेस में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की जगह कई और नामों की चर्चा चल रही है। सूत्रों की मानें तो सोनिया गांधी का नाम लगभग फाइनल है।
सोनिया गांधी के रायबरेली से लोकसभा चुनाव न लड़ने की भी चर्चा चल रही है। कांग्रेस सोनिया गांधी को राजस्थान से राज्य सभा में भेज सकती है। राजस्थान की 10 राज्य सभा सीटों में से 6 कांग्रेस के पास हैं। नीरज डांगी को छोड़कर शेष सभी सदस्य दूसरे राज्यों के हैं। मनमोहन सिंह, प्रमोद तिवारी, केसी वेणुगोपाल, रणदीप सिंह सुरजेवाला, मुकुल वासनिक ये सभी पंजाब, केरल, हरियाणा और महाराष्ट्र से आते हैं। वहीं, दूसरी ओर भाजपा में भी दो नामों पर मुहर लग सकती है। उम्मीदवारों का नाम केंद्र तय करेगा। भाजपा राजस्थान में जातिगत समीकरण को साधने की तैयारी में है। वह किसी स्थानीय को राजस्थान से राज्य सभा में भेज सकती है। प्रदेश भी भाजपा सरकार में क्षत्रिय और गुर्जर को विशेष प्रतिनिधित्व नहीं मिला है। भाजपा पूर्व प्रतिपक्ष नेता राजेन्द्र राठौड और किसी एक गुर्जर चेहरे को राज्य सभा चुनाव लड़वा सकती है। गुर्जर चेहरे के रूप में विजय बेंसला का नाम चर्चा में है। विजय बेंसला को राज्य सभा में भेजने से उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हिमाचल, उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और जम्मू कश्मीर में लोकसभा चुनाव पर गुर्जर वोट जुटा सकती है। बता दें, राजस्थान में भाजपा की सरकार बनने के बाद भी गुर्जर नाराज हैं। राजस्थान में भाजपा के राज्य सभा सदस्य स्थानीय हैं। इसमें भूपेंद्र यादव, गजेन्द्र गहलोत, घनश्याम तिवाड़ी और किरोडी मीणा राजस्थान सरकार में मंत्री बन गए हैं। जातिगत समीकरणों को देखते हुए पूर्व प्रतिपक्ष नेता राजेन्द्र राठौड और विजय बेंसला का नाम योग्य लग रहा है।