वडोदरा। मकरसंक्रांति पर पतंग के मांझे में फंसकर सैकड़ों पक्षी घायल हो जाते हैं। हर साल की तरह इस साल भी पशुपालन विभाग और ईएमआरआई ग्रीन हेल्थ सर्विस की 1962 एंबुलेंस वैन, पशु दवाखाना और करूणा अभियान के तहत घायल पक्षियों का इलाज किया गया। मकरसंक्रांति पर पक्षियों की जान बचाने के लिए पशुपालन और वन विभाग की ओर से 11 उपचार और 58 रेस्क्यू केंद्र बनाए गए थे।
भूतड़ी झापा उपचार केंद्र के डॉक्टर विमल पटेल ने बताया कि इस साल 458 पक्षियों का इलाज करके उनकी जान बचाई गई है। घायल पक्षियों के इलाज के लिए 21 वेटरनरी डॉक्टर समेत वेटरनरी कॉलेज के 15 इंन्टर्नशिप डाॅक्टरों को तैनात किया गया था। मांझ से घायल होने वाले पक्षियों में कबूतर, उल्लू और हमिंगबर्ड की संख्या अधिक है।
वडोदरा जिले के उपचार केन्द्रों में 393 कबूतर, 5 बगुला, 4 तोते, 3 उल्लू, 7 कौवा, टिटहरी समेत 458 पक्षियों का इलाज किया गया।