Sunday, March 16, 2025
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दोस्त को ऑनलाइन कारोबार के लिए जीएसटी की आईडी-पासवर्ड दिया था, एक साल बाद पता चला कि 15.17 करोड़ के फर्जी बिलिंग का ट्रांजेक्शन हो गया

सूरत। कतारगाम में हीरा दलाल को अपने दोस्त पर भरोसा करना बहुत महंगा पड़ गया। दलाल ने अपने नाम पर जीएसटी नंबर लेकर दोस्त के भाई को दिया था, उसने गुपचुप 15.17 करोड़ रुपए के फर्जी बिल का ट्रांजैक्शन कर लिया। दलाल ने जब दोस्त से जब फर्जीवाड़ा के बारे में पूछा तो उसने पल्ला झाड़ लिया। हीरा दलाल अखिल राजेश शेखलिया ने क्राइम ब्रांच में शिकायत दर्ज कराई है।
पुलिस ने दोस्त के भाई हार्दिक जयंती आजगिया, भावेश उर्फ मूसा उर्फ भूसा केशव काकड़िया, विशाल उर्फ धवल मनोज केवड़िया और सुनील कोटडिया के खिलाफ ठगी का मामला दर्ज किया है। मामले की जांच कर रही इकोनाॅमिक सेल ने मनोज केवड़िया को गिरफ्तार किया है।
अखिल राज शेखलिया(25) डभोली रोड पर प्रार्थना सोसाइटी में रहता और हीरे की दलाली करता है। अखिल और अभिषेक कॉलेज के दोस्त हैं। अभिषेक ने अपने दोस्त अखिल से कहा कि उसे ऑनलाइन शॉपिंग कंपनी की एप्लीकेशन से बैग समेत अन्य सामानों को बेचने के लिए जीएसटी नंबर की जरूरत है। अखिल ने दोस्त को अपना जीएसटी नंबर, उससे संबंधित अन्य दस्तावेज, बैंक स्टेटमेंट और फार्म पर दस्तखत करके दे दिया। अभिषेक ने अखिल इंटरप्राइजेज के नाम पर फर्म चालू कर जीएसटी नंबर लिया था।
अखिल ने रजिस्ट्रेशन के लिए अपने घर का एड्रेस दिया था। मोबाइल नंबर भी अपना ही रजिस्टर करवाकर यूजर नेम, पासवर्ड अभिषेक को दिया था। जब जीएसटी रिटर्न भरना होता था तब ओटीपी हीरा दलाल के मोबाइल पर आता था और फिर वह अपने दोस्त को फोन करके ओटीपी दे देता था। 5 महीने से आर्डर नहीं आ रहे थे, अखिल ने अभिषेक को जीएसटी नंबर का फर्म बंद करने के लिए कहा। अभिषेक ने दोस्त अखिल से कहा कि उसने अकाउंट बंद कर दिया है। साल 2023 में इनकम टैक्स रिटर्न भरने के लिए सीए के पास गया तब पैन कार्ड के आधार पर अखिल इंटरप्राइजेज के नाम से अप्रैल 2022 से दिसंबर 2022 तक 15.17 करोड़ रुपए के ट्रांजैक्शन होने का पता चला। अखिल ने जब इस बारे में अपने दोस्त से पूछा तो उसने कहा कि हार्दिक को जीएसटी का फॉर्म और आईडी पासवर्ड दिया था। जब हार्दिक से पूछा तो उसने कोई जवाब नहीं दिया। हीरा दलाल ने जांच-पड़ताल की तो पता चला की हार्दिक ने उसके नाम के फर्म की आईडी पासवर्ड भावेश उर्फ मूसा को 20,000 में बेचा था। भावेश भी रूपए कमाने के लिए विशाल उर्फ धवल को आईडी पासवर्ड दिया था। साइबर पुलिस ने भावेश उर्फ मूसा को पहले भी किया था। इसी बीच पता चला कि अखिल इंटरप्राइजेज के नाम से फर्जी बिल मनोज केवड़िया ने बनाया था। जिसमें उसने जीएसटी की रकम पर एक प्रतिशत फायदा लिया था। इसके अलावा मनोज ने फर्जी बिल गोंडल के रहने वाले सुनील कोटडिया को वॉट्सएप
पर भेजा था। इकोनॉमिक सेल अब पूरे मामले की छानबीन कर रही है।

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