गांधीनगर। सरकारी कर्मचारियों ने एक बार फिर आंदोलन का रुख अख्तियार किया है। पुरानी पेंशन समेत अन्य मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और आर-पार की लड़ाई लड़ने के मूड में हैं। आज प्रदेश के सभी सरकारी कर्मचारियों ने पेन डाउन, चोक डाउन की घोषणा की है। सभी कर्मचारी कामकाज से अलग रहेंगे। वहीं, सरकार ने भी सख्त रवैया अपनाए हुए है। सरकार की ओर से कहा गया है कि विरोध की घोषणा करने वाले कर्मचारियों पर ठोस कार्रवाई की जाएगी। ड्यूटी पर न आने वाले कर्मचारियों पर दंडात्मक कार्रवाई होगी।
बता दें, गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन को लेकर आंदोलन शुरू किया था। अब लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही सरकारी कर्मचारी आंदोलन करने के मूड में हैं। पुरानी पेंशन योजना गुजरात सरकार के लिए सिरदर्द बनती जा रही है। अधिकांश राज्यों में नई पेंशन योजना को रद्द करके पुरानी योजना लागू कर दी गई है। प्रदेश के कर्मचारियों ने बुधवार को पेन डाउन, चोक डाउन की घोषणा की है। वहीं, राष्ट्रीय शिक्षा महासंघ की ओर से 9 मार्च को गांधीनगर में महापंचायत का आयोजन किया गया है। कर्मचारियों ने 23 फरवरी को गांधीनगर में सत्याग्रह छावनी के पास आंदोलन किया था। संयुक्त कर्मचारी महामंडल की ओर से विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया गया था। अध्यापकों ने 14 और 16 फरवरी को काली पट्टी बांधकर विरोध किया था।