नई दिल्ली। गुरुवार को देर रात सरकार और किसानों के बीच तीसरे दौर की बैठक हुई। रात 8:00 बजे कृषि और किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा, वाणिज्य, उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने किसान नेताओं के साथ बैठक की। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी बैठक में शामिल थे। लंबी चर्चा के बाद भी कोई हल नहीं निकला, किसान अपनी मांग पर अड़े रहे। इससे पहले 8 और 12 फरवरी को भी सरकार ने किसानों के साथ बैठक की थी, जो बेनतीजा रही।
वहीं, दूसरी ओर किसानों ने 16 फरवरी को भारत बंद का ऐलान किया है। किसानों के ऐलान काे देखते हुए पंजाब से लेकर हरियाणा और दिल्ली से लेकर उत्तर प्रदेश तक अलर्ट जारी किया गया है। दिल्ली की सभी सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। भारत बंद के दौरान किसान सड़कों पर चक्का जाम करेंगे। भारत बंद के दौरान गांव की दुकानें, सब्जी-अनाज बाजार, सरकारी और गैर सरकारी संस्थान बंद रहेंगे। बारात, एंबुलेंस, परीक्षा देने वाले छात्रों को आने-जाने की छूट दी जाएगी। किसानों के भारत बंद को कई ट्रेड यूनियनों ने भी समर्थन दिया है। भारत बंद की सफलता के बाद 18 फरवरी को किसान और ट्रेड यूनियन की बैठक होगी, जिसमें आने की रणनीति बनाई जाएगी।
ये हैं किसानों की मुख्य मांगें-
- स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार कानून बने।
- किसानों का कर्ज माफ हो।
- भूमि अधिगहण अधिनियम 2013 फिर से लागू हो।
- लखीमपुर खीरी कांड के आरोपियों को सजा मिले।
- किसानों को पेंशन देने की योजना बनाएं।
- पिछले आंदोलन में मरे किसानों के परिवारों को मुआवजा दिया जाए।
- मनरेगा में 200 दिन काम और 700 मजदूरी दी जाए।
- नकली बीज, कीटनाशक बनाने वाली कंपनियों पर कार्रवाई हो।