नई दिल्ली। भारत-पाकिस्तान सीमा के निकट एक निजी कंपनी की सौर ऊर्जा परियोजना को मंजूरी देने के मुद्दे पर कांग्रेस ने लोकसभा में विरोध जताया और वॉकआउट किया। कांग्रेस के सदस्यों ने सदन के वेल में आकर आरोप लगाया कि सेना की आपत्ति के बावजूद निजी कंपनी को अंतरराष्ट्रीय सीमा के निकट ऊर्जा परियोजना लगाने की अनुमति दी गई है। यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए चिंता का विषय है। केंद्रीय अक्षय ऊर्जा मंत्री प्रहलाद जोशी ने विपक्ष की आपत्तियों को खारिज करते हुए कहा कि केंद्र-राज्य की तमाम एजेंसियों से हरी झंडी मिलने के बाद ही किसी परियोजना के प्रस्ताव को मंजूरी दी जाती है।
कांग्रेस और द्रमुक सहित कुछ अन्य विपक्षी सांसदों ने ऊर्जा मंत्री के स्पष्टीकरण को अपर्याप्त मानते हुए सदन में हंगामा किया। लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने अनुपूरक प्रश्न पूछते हुए कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा और ऊर्जा सुरक्षा को साथ-साथ चलना चाहिए, लेकिन अदाणी समूह की मिश्रित सौर ऊर्जा परियोजना की मंजूरी में सुरक्षा नियमों का पालन नहीं हुआ है। लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने बाहर आकर पत्रकारों से कहा कि ऊर्जा सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा में संतुलन होना चाहिए। मगर गुजरात के खावड़ा में जो बड़ी सौर ऊर्जा परियोजना आ रही है, वह राष्ट्रीय सुरक्षा के दिशा-निर्देशों के अनुरूप आइबी से कम से कम 10 किलोमीटर दूरी पर नहीं है। आगे कहा कि सरकार ने हमारे सवाल का जवाब नहीं दिया, इसलिए हमने वॉकआउट किया। गोगोई ने कहा कि कांग्रेस यह जानना चाहती है कि क्या अदाणी समूह राष्ट्रीय सुरक्षा से ऊपर है कि सेना की आशंकाओं को नजरअंदाज किया गया।