चमोली। उत्तराखंड के चमोली में माणा गांव के पास शुक्रवार को हुए हिमस्खलन में सड़क निर्माण में लगे 55 मजदूर फंस गए थे, जिनमें से बर्फ के नीचे दबे 46 मजदूरों को बचा लिया गया। इस घटना में चार लोगों की मौत हो गई, जबकि चार लोग लापता हो गए, जबकि एक अन्य व्यक्ति पहले ही घर पहुंच गया था, इसलिए उसकी जान बच गई। इस बीच आज (2 मार्च) लापता लोगों की तलाश के लिए हेलीकॉप्टर से बचाव अभियान चलाया गया, जिसमें सभी चार लापता व्यक्तियों के शव बरामद कर लिए गए हैं, जिससे अब तक मरने वालों की कुल संख्या आठ हो गई है।
हिमस्खलन की घटना के बाद कुल 50 श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकाला गया था, जिनमें से चार लोगों की इलाज के दौरान मौत हो गई, जबकि आज चार और लोगों के शव बरामद किए गए, जिससे मरने वालों की कुल संख्या आठ हो गई।
बचाव कार्यों के लिए भारतीय वायु सेना के एमआई-17 और चीता हेलीकॉप्टर तैनात किए गए थे। वायु सेना के अधिकारियों के अनुसार, रविवार को उत्तराखंड के चमोली जिले में हिमस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में तलाशी अभियान के लिए एक हेलीकॉप्टर तैयार था। वहीं जोशीमठ में डीएम चमोली संदीप तिवारी ने बताया कि बचाव कार्य आज सुबह सात बजे शुरू हुआ। घटना के बाद उत्तराखंड के उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़ और बागेश्वर में हिमस्खलन की चेतावनी जारी की गई। चमोली जिला सबसे अधिक खतरे में है। शुक्रवार को उत्तराखंड के माणा गांव में ग्लेशियर टूटने से भारी हिमस्खलन हुआ था। जिससे बीआरओ कैंप को नुकसान पहुंचा है। हिमस्खलन के कारण कई सड़कें बंद हो गईं। कई स्थानों पर नुकसान भी हुआ है। सीमांत जिले में बारिश और बर्फबारी के कारण गंगोत्री राजमार्ग पर गंगाणी से आगे यातायात ठप हो गया।