नई दिल्ली। मुंबई की विशेष एसीबी अदालत द्वारा कथित शेयर बाजार धोखाधड़ी और नियामक उल्लंघन के मामले में पूर्व सेबी अध्यक्ष माधवी पुरी बुच, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और सेबी के शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने आैर 30 दिनों के भीतर मामले से संबंधित स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का भी आदेश देने के बाद सेबी ने आधिकारिक बयान जारी किया है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कहा है कि वह मुंबई की विशेष एसीबी अदालत के आदेश को चुनौती देगा। सेबी ने आदेश को निराधार बताते हुए कहा कि वह आदेश के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगा। सेबी ने आधिकारिक तौर पर कहा है कि शिकायतकर्ता ने पहले भी अदालत में इस तरह के आवेदन दायर किए हैं, जिनमें अदालत ने उन्हें जुर्माने के साथ खारिज कर दिया है। सेबी अदालत के आदेश के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करेगा और हम सभी मामलों में विनियामक अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
उल्लेखनीय है कि मुंबई की विशेष एसीबी अदालत ने ठाणे के एक पत्रकार की याचिका पर यह आदेश दिया है। विशेष न्यायाधीश एसई. बांगर ने शनिवार, 1 मार्च को मुंबई भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) को माधवी पुरी बुच, सेबी सदस्य अश्विनी भाटिया, आनंद नारायण और कमलेश चंद्र वार्ष्णेय के साथ-साथ बीएसई के सीईओ सुंदररामन राममूर्ति और पूर्व अध्यक्ष प्रमोद अग्रवाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया।
सेबी ने कहा कि अदालत ने उन अधिकारियों के खिलाफ आदेश जारी किया है जो उस समय संबंधित पदों पर काम भी नहीं कर रहे थे। फिर भी न्यायालय ने सेबी को नोटिस जारी किये बिना तथा हमें अपना मामला प्रस्तुत करने का अवसर दिये बिना यह आदेश पारित कर दिया।