नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर में शांति और सुरक्षा स्थिति के मुद्दे पर दिल्ली में एक उच्च स्तरीय बैठक की, जिसमें मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला, सीआरपीएफ के डीजी जीपी सिंह और एसएसबी और एनएसजी के डीजी भी मौजूद थे।
बैठक में केंद्रीय मंत्री शाह ने निर्देश दिए कि राज्य में जबरन वसूली के सभी मामलों में सख्त कार्रवाई की जाए। इसके अलावा, मणिपुर के निकट अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर सभी निर्दिष्ट प्रवेश बिंदुओं के दोनों ओर बाड़ लगाई जानी चाहिए। राज्य को नशा मुक्त बनाने के लिए नशीली दवाओं के व्यापार में शामिल सभी नेटवर्क को ध्वस्त किया जाना चाहिए।
शाह ने एक उच्च स्तरीय बैठक में अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए उचित कदम उठाने का आदेश दिया है कि 8 मार्च से मणिपुर में सभी सड़कों पर लोग आसानी से आवाजाही कर सकें। यदि कोई सड़क पर बाधा उत्पन्न करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। सूत्रों के अनुसार, शाह ने अशांत राज्य में सामान्य स्थिति बहाल करने और विभिन्न समूहों द्वारा लूटे गए हथियारों को पुलिस को वापस करने की प्रक्रिया पर ध्यान केंद्रित किया है।
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने हाल ही में इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद से कोई भी पार्टी सरकार बनाने के लिए आगे नहीं आई है, जिसके कारण केंद्र सरकार ने 13 फरवरी से राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया है। राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद यह पहली ऐसी घटना है। गौरतलब है कि पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में इंफाल में रहने वाले मैतेई समुदाय और आसपास की पहाड़ियों में रहने वाले कुकी समुदाय के बीच 2023 में हिंसा भड़क गई थी। तब से अब तक 250 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि हजारों लोग अपना घर छोड़ने को मजबूर हुए हैं।