जम्मू। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने आतंकवादी संगठन से संबंध के आरोप में तीन सरकारी कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। निलंबित कर्मचारियों में पुलिस कांस्टेबल, शिक्षक और वन विभाग का एक कर्मचारी शामिल है। तीनों कर्मचारी अलग-अलग आतंकवादी संगठन से संबंध के आरोप में जेल में बंद हैं। यह बड़ी कार्रवाई उपराज्यपाल की अध्यक्षता में हुई सुरक्षा समीक्षा बैठक के एक दिन बाद की गई। लेफ्टिनेंट गवर्नर ने यह भी कहा कि आतंकवाद का समर्थन और वित्तपोषण करने वालों को बहुत भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
13 फरवरी को मनोज सिन्हा ने कहा था कि आतंकवाद के हर अपराधी और समर्थक को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। हमें विश्वसनीय खुफिया जानकारी से लैस होने की जरूरत है तथा आतंकवादियों को बेअसर करने और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अधिक प्रभावी ढंग से कार्य करने की जरूरत है।
जम्मू-कश्मीर पुलिस में कांस्टेबल फिरदौस भट्ट ने आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम किया था। उसे मई 2024 में आतंकवाद से संबंध के आरोप में गिरफ्तार किया था। फिरदौस हाल में कश्मीर के कोट भटवाल जेल में बंद है। वन विभाग के कर्मचारी निसार अहमद खान ने 2000 में आतंकवादी हमले में सहयोग किया था और 2016 में हिंसा भड़काने का काम किया था। इसके अलावा शिक्षक अशरफ भट्ट ने लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम किया था और छात्रों को आतंकवाद के लिए उकसाया था। उसे 2022 में गिरफ्तार किया था। अशरफ अभी रियासी जेल में बंद है।