आणंद। आणंद के खंभात में दवा की आड़ में ड्रग्स बनाने का पर्दाफाश हुआ है। एटीएस ने फार्मा कंपनी में छापा मारकर मालिक समेत 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। एटीएस को खुफिया सूचना मिली थी कि खंभात तहसील के सोखडा जीआईडीसी में स्थित ग्रीन लाइफ इंडस्ट्रीज में दवा की आड़ में ड्रग्स बनाया जा रहा था। एटीएस ने तलाशी अभियान के दौरान करोड़ों रुपये मूल्य की दवा बनाने का कच्चा माल जब्त किया है। एफएसएल (फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी) की टीम मौके पर पहुंच गई है और रॉ-मैटेरियल्स की जांच कर रही है। एटीएस (आतंकवाद निरोधक दस्ता) और एसओजी (विशेष अभियान समूह) की टीम ने कंपनी के मालिकों और साझेदारों समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया है।
फार्मा कंपनी में 18 घंटे से अधिक समय तक तलाशी अभियान चलाया गया। जांच में पता चला कि फार्मा कंपनी में एमडी ड्रग्स, लिक्विड ड्रग्स और अन्य ड्रग्स बनाने के लिए केमिकल समेत कच्चे माल का पार्सल मंगाया जाता था। कच्चे माल से ड्रग्स बनाकर उसे विदेशों में भेजा जाता था। जब्त रॉ-मैटेरियल्स की मात्रा के बारे में अभी तक कोई जानकारी जारी नहीं की गई है।
गुजरात एटीएस ने खंभात की फार्मा कंपनी से 107 किलो प्रतिबंधित अल्प्राजोलम ड्रग्स जब्त किया
गुजरात एटीएस ने आणंद जिले में खंभात के निकट नेजा गांव के पास एक फार्मा कंपनी पर छापा मारकर 107 करोड़ रुपये मूल्य की 107 किलोग्राम अल्प्राजोलम ड्रग्स जब्त करके छह लोगों को गिरफ्तार किया। इंदौर के एक व्यक्ति ने खंभात में अल्प्राजोलम दवा बनाने वाली फैक्ट्री को ड्रग्स बनाने का ऑर्डर दिया था। इससे टैबलेट बनाकर पूरे देश में सप्लाई की जाती थी। जानकारी के अनुसार गुजरात में पहली बार प्रतिबंधित अल्प्राजोलम दवाओं की सबसे बड़ी मात्रा जब्त की गई है। गुजरात एटीएस के डीएसपी हर्ष उपाध्याय को खुफिया सूचना मिली थी कि आणंद जिले में खंभात के पास नेजा गांव में ग्रीनलाइफ इंडस्ट्रीज में बड़ी मात्रा में अवैध अल्प्राजोलम दवाओं का निर्माण किया जा रहा है। जिसे अजय जैन नामक व्यक्ति को भेजा जाना है। सूचना के आधार पर करीब दस अधिकारियों की एक विशेष टीम गठित करके गुरुवार को फैक्ट्री में छापेमारी की गई। जहां पुलिस को पांच लोग मिले और जांच के दौरान 107 किलोग्राम अल्प्राजोलम भी मिला, जिसका इस्तेमाल दवाओं के निर्माण में किया जाता है। जिसकी लागत 107 करोड़ रुपये थी। इस दौरान रंजीत डाभी, विजय मकवाना, हेमंत पटेल, लालजी मकवाना और जयदीप मकवाना (सभी खंभात निवासी) से पूछताछ के दौरान पुलिस को पता चला कि अल्प्राजोलम दवा की इतनी बड़ी मात्रा तैयार करने का ऑर्डर इंदौर के रहने वाले अजय जैन ने दिया था। इसके लिए अजय जैन ने 30 लाख रुपए भी दिए थे। पुलिस ने यह रकम भी मुख्य आरोपी रंजीत डाभी से बरामद कर ली है। जांच से पता चला कि रंजीत डाभी सत्यम ट्रेडर्स नामक एक कंपनी का मालिक है। जबकि विजय मकवाना और हेमंत पटेल के पास केमिकल की डिग्री है। दोनों पहले खंभात में कृषांक फार्मा नामक कंपनी में काम करते थे। लालजी और जयदीप उनके साथ काम करते थे। जब रंजीत ने अवैध दवाओं का निर्माण शुरू किया, तो उसने अपनी कंपनी में सभी को काम पर रख लिया।
अजय जैन को इससे पहले भी अल्प्राजोलम मामले में 16 साल जेल की सजा सुनाई गई थी। खंभात में छापेमारी के दौरान पुलिस ने एक टीम मध्य प्रदेश भेजकर अजय जैन को भी गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि 107 किलोग्राम अल्प्राजोलम से 0.25 ग्राम की 428 मिलियन गोलियां तैयार की जा रही थीं। जिसे अवैध रूप से पूरे देश और यहां तक कि विदेशों में भी भेजा जा रहा था। इस संबंध में गुजरात एटीएस द्वारा आगे की जांच की जा रही है।